मोबाइल क्रशर मशीन से भी तोड़े जा रहे पत्थर
रोहतास। जिला प्रशासन की लाख सख्ती के बावजूद अब भी रूद्रपुरा गोपीबिगहा व जमुहार में क्रशर म
रोहतास। जिला प्रशासन की लाख सख्ती के बावजूद अब भी रूद्रपुरा, गोपीबिगहा व जमुहार में क्रशर मशीनों का अवैध रूप से चलना जारी है। न तो धंधेबाजों और पत्थर माफिया को प्रशासनिक कार्रवाई का डर है, न अपने बच्चों के स्वास्थ्य व भविष्य की चिता। धंधेबाजों ने कम लागत में अच्छी कमाई का भी जरिया ढूंढ निकाला है। मंडी में कार्रवाई होते देख वे इस धंधे को अपने दरवाजे पर भी शुरू कर दिए हैं। वे मोबाइल क्रशर स्थापित कर पत्थर तोड़ने का कार्य कर रहे हैं। अवैध क्रशर के खिलाफ चले अभियान में सैकड़ों मशीनें जब्त होने के बाद भी मंडी आबाद है। इसकी पुष्टि शनिवार की देर रात तक डीएम पंकज दीक्षित व एसपी सत्यवीर सिंह के संयुक्त नेतृत्व में हुई कार्रवाई से भी हुई है। जिसमें टीम ने दो दर्जन से अधिक क्रशर मशीनों को जब्त करने का काम किया है। बीते साढ़े तीन वर्ष में नौ सौ मशीनों के जब्त होने के बाद भी अब और कितनी क्रशर मशीनें हैं, यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है। पुलिस जहां मशीनें जब्त होने का दावा करती है, वहीं स्थानीय लोग पुलिसिया कार्रवाई को सिर्फ क्रशर मशीनों के फाउंडेशन ध्वस्त करने व पट्टे में आग लगाने तक ही सीमित मान रहे हैं। क्रशर मशीन को देख अधिकारी भी रह जाते हैं दंग :
अवैध पत्थर व बालू के खिलाफ जब अधिकारी कार्रवाई के लिए निकलते हैं, तो वे स्थिति को देख दंग रह जाते हैं। पुलिस-प्रशासन ने साढ़े तीन वर्ष में अभियान चला लगभग नौ क्रशर फाउंडेशन को ध्वस्त करने का काम किया है। बावजूद पत्थर माफिया के हौसले पस्त नहीं हुए। अवैध खनन को रोकने के लिए सरकारी कवायद अब तक कागजी घोड़ा साबित हुई है। पत्थर के अवैध कारोबारियों में न तो पुलिस कार्रवाई और न ही कानून का भय दिख रहा है। पुलिस-प्रशासन रणनीति की खबर उन्हें पहले मिलती है। पुलिस-प्रशासन द्वारा जमुहार व गोपीबिगहा में शनिवार को अवैध क्रशर मशीन पर कार्रवाई की गुप्त रणनीति बना ली गई थी, लेकिन इसकी भनक माफिया व कारोबारियों को कार्रवाई शुरू होने से पहले लग गई। शायद यही वजह है कि पुलिस प्रशासन के पहुंचने के पहले ही धंधेबाज वहां से भाग निकले। प्रशासन व पुलिस के दावे यहां तार-तार साबित हुए हैं। लोगों का कहना है कि जिले में अवैध खनन का कारोबार थमा नहीं है, जबकि इसी अवैध धंधे को रोकने के लिए जमुहार में पुलिस चौकी की भी स्थापना की गई है, जिसे थाना का दर्जा प्राप्त है। इस थाना को जल्द ही अपना भवन भी नसीब होने वाला है, लेकिन हर रोज सैकड़ों वाहन करवंदिया पहाड़ के बंद खदान से पत्थर लेकर उसे तोड़ने के लिए क्रशर मशीन पर पहुंचते हैं। फिर भी सुरक्षा कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगती है। प्रशासन के पास नहीं बचा माकूल जगह :
प्रशासन के पास अब वैसा माकूल जगह नहीं बच पाया है कि जहां वे जब्त वाहनों व बालू-गिट्टी को सही सलामत रख सके। मजबूरन वाहनों को सड़क के किनारे रखना पड़ रहा है, जिससे शहर में जाम की स्थिति पैदा होने लगी है। साथ ही विधि व्यवस्था की समस्या भी खड़ी हो जाती है। अब भी डेहरी व मुफस्सिल थाना क्षेत्र में अवैध क्रशर मशीन चलने का सिलसिला बंद नहीं हुआ। कई बार पुलिस धंधेबाजों के बीच झड़प भी हो चुकी है। फिर भी आज तक उनकी नकेल नहीं कसी जा सकी। जबकि बालू व गिट्टी के अवैध धंधे पर नकेल कसने को ले जिले के अधिकारियों व कर्मियों को डीआइजी व एसपी द्वारा समय-समय पर पुरस्कृत भी किया गया।