शासन सुहावन चलाई दियो रे, शेरशाह सूरी..
रोहतास। शासन सुहावन चलाई दियो रे, शेरशाह सूरी महनवां, प्रजा के सब दुख दूर कियो रहे, शेरशाह सूरी..।
रोहतास। शासन सुहावन चलाई दियो रे, शेरशाह सूरी महनवां, प्रजा के सब दुख दूर कियो रहे, शेरशाह सूरी..। मौका था दो दिवसीय शेरशाह महोत्सव का। दो दिवसीय महोत्सव के अंतिम दिन मंगलवार की रात उनकी सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने के लिए देर रात तक शहर के सैकड़ों महिला पुरुष न्यू स्टेडियम में जमे रहे। डॉ. नवगीत की हर गीत पर तालियां बजती रही। देश की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ. नीतू उर्फ नवगीत द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम में दर्शक कायल दिखे। नीतू ने कार्यक्रम की शुरूआत गंगा दशहरा की पूर्व संध्या के उपलक्ष्य में प्रस्तुत की। मईया, हे गंगा मईया.. भक्ति गीत पर दर्शक झूमने को विवश रहे। उसके बाद शासन सुहावन चलाई दियो रे, शेरशाह सूरी महनवां गीत पर दर्शक खूब तालियां बजाई। इस कार्यक्रम भारतीय लोक संस्कृति से ले शासन व्यवस्था को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया। कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि हिदुस्तान को विकास के साथ शासन पद्धति की सीख देने वाले महान शासक शेरशाह की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में वे यहां लोगों के बीच उपस्थित हैं। सासाराम उनके लिए घर जैसा है। वे गत वर्ष भी इस महोत्सव में भाग ले चुकी हूं। यहां के लोगों का स्नेह व प्यार उन्हें हमेशा यहां आने के लिए प्रेरित करता है।
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