अगर मां होंगी पोषित, तो बच्चा नहीं होगा कुपोषित
रोहतास। एक सितंबर से शुरू राष्ट्रीय पोषण माह के तहत महिलाओं को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। जिला से ले प्रखंड स्तर तक कार्यशाला आयोजित कर स्वास्थ्य व आइसीडीएस कर्मियों को कार्यक्रम के महत्व तथा उद्देश्य से अवगत कराया जा रहा है।
रोहतास। एक सितंबर से शुरू राष्ट्रीय पोषण माह के तहत महिलाओं को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। जिला से ले प्रखंड स्तर तक कार्यशाला आयोजित कर स्वास्थ्य व आइसीडीएस कर्मियों को कार्यक्रम के महत्व तथा उद्देश्य से अवगत कराया जा रहा है। इसके तहत मंगलवार को स्थानीय न्यू स्टेडियम में जिला प्रशासन की तरफ से पोषण मेला का आयोजन किया गया। जिसमें डीएम समेत विभिन्न विभागों के आला अधिकारी शामिल थे। इस उपलक्ष्य पर जीविका समेत अन्य विभागों द्वारा पोषण पर आधारित स्टॉल भी लगाए गए थे। साथ ही आधा दर्जन से अधिक गर्भवती महिलाओं का गोद भराई कार्यक्रम का रस्म भी पूरा किया गया।
डीएम पंकज दीक्षित ने कहा कि अगर मां पूरी तरह से पोषित होंगी, तो उनसे जन्में बच्चा कभी भी कुपोषण का शिकार नहीं होगा। माताएं जन्मदाता के साथ-साथ अपनी संतान के भाग्य निर्माता भी होती हैं। इसलिए प्रसव पूर्व समुचित आहार व उसके बाद बच्चा को कम से कम छह माह तक स्तनपान अनिवार्य है। कुपोषण का बहुत बड़ा कारण सही आहार न मिलना है, जो बहुत गलत परंपरा है। आइसीडीएस डीपीओ कुमारी सुनीता ने कहा कि आजकल लड़कियों में जंक फूड का चलन बढ़ गया है, जो कुपोषण का एक बहुत बड़ा कारण है। इसमें पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है। जिससे दिनोंदिन कुपोषण के मामले बढ़ते जा रहे हैं।सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन शर्मा ने कहा कि पोषण व स्वच्छता एक चक्र है व दोनों एक-दूसरे से जुड़ा है। स्वच्छता के अभाव में तरह-तरह की बीमारियां होती है। जिसके परिणामस्वरूप शरीर के पोषण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। नाबार्ड के डीपीएम ने कहा कि गरीबी कुपोषण का मुख्य वजह मानी गई है। ऐसा प्रयास होना चाहिए, जिससे कि सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को अवश्य मिले।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग के कार्यक्रम अधिकारी सुधीर रंजन सहाय, मानवेंद्र कुमार राय, जिला पंचायती राज पदाधिकारी अजय शंकर मिश्र, डीएओ राधा रमण, सदर एसडीएम राज कुमार गुप्ता, सीडीपीओ आशा कुमारी के अलावा जीविका समेत अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।