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मानसिक रोगियों को मिलेगी टेली मनोचिकित्सा सुविधा

कोरोना वायरस से बचाव के लिए जहां संपूर्ण देश में लॉकडाउन है। ऐसे समय में मानसिक रोगियों का इलाज करना चुनौतिपूर्ण है। इसे देखते हुए सरकार ने मनोरोगियों के इलाज के लिए टेली मनोचिकित्सा की सलाह देने के साथ आवश्यक दिशानिर्देश जारी किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 10:30 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 06:13 AM (IST)
मानसिक रोगियों को मिलेगी टेली मनोचिकित्सा सुविधा
मानसिक रोगियों को मिलेगी टेली मनोचिकित्सा सुविधा

कोरोना वायरस से बचाव के लिए जहां संपूर्ण देश में लॉकडाउन है। ऐसे समय में मानसिक रोगियों का इलाज करना चुनौतिपूर्ण है। इसे देखते हुए सरकार ने मनोरोगियों के इलाज के लिए टेली मनोचिकित्सा की सलाह देने के साथ आवश्यक दिशानिर्देश जारी किया है। जिसके तहत मोबाइल फोन, टेक्स्ट मैसेज, व्हाट्सऐप, ईमेल आदि के जरिए एम्स नई दिल्ली के चिकित्सक मनोरोगियों का इलाज किया जाएगा।

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सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन शर्मा ने बताया कि टेली मनोचिकित्सा अनुकूल और सार्थक पहल है जिसमें मनोचिकित्सक रोगियों को वायरस संक्रमण से बचाकर उनका मूल्यांकन कर उनके स्वास्थ्य संबंधी परामर्श प्रदान कर सकेंगे। खासकर ऐसे रोगी जिनका एम्स नई दिल्ली के मनोरोग विभाग द्वारा पहले से ही इलाज किया जा रहा है, जो भर्ती हैं, और जिन्हें फॉलोअप के लिए बुलाया गया हो । टेली मनोचिकित्सा में मनोरोगियों की देखभाल करने वाले केयरगिवर (मरीज का प्रतिनिधित्व करने के लिए परिवार के किसी सदस्य या रोगी द्वारा अधिकृत कोई भी व्यक्ति ) को भी मानसिक रोगियों के इलाज संबंधी सलाह की जानकारी दी जाएगी। मनोरोगियों की चिकित्सा के लिए दो जूनियर चिकित्सक और दो सीनियर डॉक्टरों की तैनाती करने की सिफारिश की गई है। यह चिकित्सक मनोरोगियों की आवश्यकता के अनुसार मोबाइल फोन से वीडियो या ऑडियो द्वारा, सामान्य टेक्सट संदेशों और ईमेल के जरिए मरीजों को परामर्श प्रदान करेंगे। सरकारी टेलीमेडिसीन प्रैक्टिस गाइडलाइन के अनुसार दिए केंद्रीकृत नंबर 9999625860 पर मरीजों को मैसेज भेजकर चिकित्सकीय सेवा लेना होगा, जिसमें उनका नाम, एप्वाइंटमेंट की तारीख और यूएचआइडी नंबर देना अनिवार्य होगा। इसके बाद चिकित्सक ऑडियो या वीडियो कॉल द्वारा पंजीकृत या अन्य मरीजों को परामर्श देंगे। चिकित्सक दवाएं लेने और अन्य परामर्श डिजीटल पर्ची वाट्सऐप के माध्यम से मरीजों को भेजेंगे। सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार टेली मनोचिकित्सकीय परामर्श के बाद व्हाट्सऐप या ईमेल के जरिए रोगियों को ई-प्रिस्क्रिप्शन दिया जाएगा। ई-प्रिस्क्रिप्शन में रोगी की पहचान का विवरण, दिनांक और वह स्थान जहां से टेली मनोचित्सा दी गई है।


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