रोहतास में एमबीबीएस डिग्री होने का बोर्ड लगाने वाला फर्जी चिकित्सक रामचंद्र सिंह गिरफ्तार
सासाराम। जिले में दूसरे चिकित्सक का बोर्ड लगाकर क्लीनिक चलाने वाले फर्जी चिकित्सकों की भरमार है। आए दिन इनके कारनामों से मरीजों की जान जा रही है। गत दो वर्षों में इनके द्वारा आपरेशन किए जाने से एक दर्जन से अधिक मरीजों की जान जा चुकी है। प्राथमिकी भी दर्ज की गई लेकिन अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने से उनका धंधा चालू है।
सासाराम। जिले में दूसरे चिकित्सक का बोर्ड लगाकर क्लीनिक चलाने वाले फर्जी चिकित्सकों की भरमार है। आए दिन इनके कारनामों से मरीजों की जान जा रही है। गत दो वर्षों में इनके द्वारा आपरेशन किए जाने से एक दर्जन से अधिक मरीजों की जान जा चुकी है। प्राथमिकी भी दर्ज की गई, लेकिन अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने से उनका धंधा चालू है। सोमवार को बिक्रमगंज में एमबीबीएस चिकित्सक होने व एमसीआई का गलत पंजीकरण का बोर्ड लगाकर उपचार करने वाला फर्जी डाक्टर रामचंद्र प्रसाद सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वह फर्जी ग्रामीण चिकित्सक विशाल कुमार के साथ आपरेशन कर मरीजों को जान जोखिम में डाल रहा था।
एसपी आशीष भारती ने बताया कि पांच मई को बिक्रमगंज के नटवार रोड स्थित एक निजी क्लीनिक में आपरेशन के दौरान एक गर्भवती महिला धनगाई निवासी सद्दाम हवारी की 22 वर्षीय पत्नी सीमा खातून की मौत हो गई थी। स्वजनों ने प्राथमिकी में बताया है कि प्रसव कराने के लिए सीमा को पहले अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत एक महिला चिकित्सक के निजी क्लीनिक में लाया गया। वहां से खून की कमी बताकर उसे इस फर्जी क्लीनिक में भेज दिया गया। जहां आपरेशन के बाद सीमा की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपित डाक्टर विशाल कुमार व रामचंद्र प्रसाद सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रामचंद्र सिंह की बोर्ड पर एमबीबीएस - पीएमसीएच से होने का दावा किया गया था साथ ही एमसीआइ का रजिस्ट्रेशन नंबर 602- 1963 लिखा हुआ है जो पूरी तरह फर्जी है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में सिर्फ 186 क्लिनिक ही वैध हैं। जबकि इसकी आड़ में लगभग इतनी ही संख्या में अवैध क्लिनिक भी संचालित हो रहे हैं। ग्रामीण चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति नहीं : सिविल सर्जन डा. अखिलेश कुमार का कहना है कि ग्रामीण चिकित्सक अति साधारण इलाज या प्राथमिक उपचार ही करने के लिए सक्षम हैं। वे आपरेशन कर मरीजों की जान से खिलवाड़ नहीं कर सकते। यहां तक की कोई आशा या ममता किसी को प्रेरित कर इलाज के लिए भेजती है तो भी वो कानूनी अपराध की श्रेणी में आएगा। ऐसे लोगों को चिहित कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही होमियोपैथी व युनानी चिकित्सक भी गलत तरीके से आपरेशन करते पाए जाएंगे तो कार्रवाई होगी। आपरेशन के लिए शल्य क्रिया विज्ञान की एमसीआइ से वैध डिग्री आवश्यक है। इन डाक्टरों के चंगुल में फंस गई कई की जान : 24 मई 20 को तिलौथू के अमझोर में एक निजी क्लीनिक में ऑपरेशन के दौरान भरखोहा गांव निवासी विनोद यादव की 28 वर्षीया पत्नी सविता देवी की मौत हो गई। स्वजन इलाज के लिए लेकर गए जहां डाक्टर ने उनके बच्चेदानी का आपरेशन कर दिया। चिकित्सक दंपती द्वारा आपरेशन के दौरान उसकी मौत हो गई। 13 मार्च 21 को भानस ओपी क्षेत्र के चौसा नहर पुल के समीप एक निजी अस्पताल में सिजेरियन के लिए भर्ती एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतका 29 वर्षीया कुसुम देवी सिकरौल थाना क्षेत्र के बेलांव टोला निवासी मुन्ना चौधरी की पत्नी थीं। स्वजनों ने आरोप लगाया कि चिकित्सक शशि कुमार, सहयोगी लोकेश कुमार, मुन्ना कुमार एवं नर्स कविता देवी की लापरवाही के कारण ही उसकी मृत्यु हो गई।