रोहतास के बिक्रमगंज जजेज कालोनी में दिनदहाड़े लूटपाट से हर कोई हतप्रभ
सासाराम। बिक्रमगंज व्यवहार न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी के घर हथियार के बल पर हुई लूट की घटना के पीछे कोई रंजिश या साजिश तो नहीं है। इस घटना से हर कोई हतप्रभ है। जजेज कालोनी की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा हो गया है।
सासाराम। बिक्रमगंज व्यवहार न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी के घर हथियार के बल पर हुई लूट की घटना के पीछे कोई रंजिश या साजिश तो नहीं है। इस घटना से हर कोई हतप्रभ है। जजेज कालोनी की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा हो गया है।
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी महेश्वर नाथ पांडेय उत्तरप्रदेश के जमनिया के निवासी हैं। उनके न्यायालय में मुख्य रूप से नटवार और दावथ थाना क्षेत्र के मामले की सुनवाई होती है। पहले अधिकारी से मिलने की बात अपराधियों ने की थी। फिर किसी उपेंद्र तिवारी का नाम परिचित के रूप में रखते हुए पानी पिलाने का अनुरोध किया और जब जज की पत्नी पानी लाने के लिए पीछे मुड़ी तो जबरन गेट की कुंडी खोलकर घर में प्रवेश कर गए और हथियार का भय दिखा दो लाख रुपये का आभूषण व 50 हजार रुपये नगद लूट कर चलते बने। अपराधियों की संख्या तीन थी और वे हथियार से लैस थे। लूट का विरोध करने पर बदमाशों ने न्यायिक अधिकारी की पत्नी और छोटी बच्ची पर हाथ भी उठाया। संभावना जताई जा रही है कि जिस उपेंद्र तिवारी का नाम अपराधियों ने लिया वह नटवार थाना क्षेत्र का है। इस घटना का अंजाम योजनाबद्ध तरीके से दिया गया है और यह लूट किसी सामान्य लूट की घटना से अलग है। अपराधियों की मंशा कुछ और तो नहीं थी:
न्यायिक अधिकारी के आवास पर पहुंच सशस्त्र अपराधियों ने सबसे पहले न्यायिक दंडाधिकारी महेश्वर नाथ पांडेय के बारे में पूछा। जब पता चला कि वे कोर्ट में हैं, तो अपराधियों ने पानी पीने का बहाना बना लूटपाट शुरू कर दी। लुटेरों ने इस क्रम में एक परिचित का नाम भी रखा। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे अपराधियों की क्या मंशा रही होगी। क्योंकि जिस तरह से इस घटना का अंजाम दिया गया, उससे स्पष्ट है कि अपराधियों को यह पता था कि वे लूट न्यायिक अधिकारी के घर कर रहे हैं। पांच होमगार्ड के भरोसे दर्जनभर जजों के आवास की सुरक्षा:
न्यायिक अधिकारियों के आवास की सुरक्षा की स्थिति अत्यंत लचर है। व्यवहार न्यायालय परिसर के समीप स्थित इस जजेज कालोनी में चार अपर मुख्य न्यायिक (सब जज) दंडाधिकारी, चार द्वितीय श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी, दो प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी, एक अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी और एक मुंसिफ का फिलहाल आवास है। इनके आवासों की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ पांच होमगार्ड सब जज एक के आवास पर रहते हैं। मंगलवार को ये लोग घटना के समय वहां थे और स्थानांतरित सब जज का सामान ट्रक पर लोड करवा रहे थे, लेकिन इन्हें घटना के बाद तब जानकारी मिली, जब अपराधी वहां से निकल चुके थे। इन अधिकारियों को अंगरक्षक भी उपलब्ध नहीं हैं। सुनसान रास्ता का अपराधियों ने उठाया फायदा:
बिक्रमगंज कोर्ट के समीप जिस जगह पर न्यायिक अधिकारियों का आवास है, उस मार्ग से आमलोग शायद ही कभी जाते हैं। एक तो शहर से यह दूर है और दूसरा यह आवासीय परिसर न्यायालय से पीछे है। जो सड़क उधर जाती है, वह आगे चलकर जेल और आरा रोड से मिल जाती है, लेकिन उधर कोई आता जाता नहीं है। उधर से ही अपराधी भाग निकले।