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गर्मी के दस्तक देते ही कैमूर पहाड़ी पर बसे गावों में उभरा पेयजल संकट

गर्मी के दस्तक देते ही अनुमंडल क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी पर बसे दर्जनों गांवों में पेयजल संकट गहराने लगा है। भू-जलस्तर नीचे चले जाने से दर्जनों रिग कल या तो बंद हो गए या कुछ बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 10:08 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 10:08 PM (IST)
गर्मी के दस्तक देते ही कैमूर पहाड़ी पर बसे गावों में उभरा पेयजल संकट
गर्मी के दस्तक देते ही कैमूर पहाड़ी पर बसे गावों में उभरा पेयजल संकट

संवाद सहयोगी, डेहरी ऑन-सोन: गर्मी के दस्तक देते ही अनुमंडल क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी पर बसे दर्जनों गांवों में पेयजल संकट गहराने लगा है। भू-जलस्तर नीचे चले जाने से दर्जनों रिग कल या तो बंद हो गए या कुछ बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना हर घर नल का जल एकमात्र रेहल गांव में ही मू‌र्त्तरूप ले पाई है, शेष सभी गावो में बुराहाल है। यहां तक की कुछ गांव में जिला प्रशासन द्वारा विशेष स्तर पर लगाए गए सौर ऊर्जा चालित मिनी वाटर सप्लाई योजना के तहत लगे पानी टंकी भी बंद पड़े हैं। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा कई बार पीएचईडी को सूचित भी किया गया, बावजूद इसके अभी तक स्थिति यथावत है।

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रोहतासगढ़ पंचायत के पूर्व मुखिया कृष्णा सिंह यादव ने बताया कि बभनतालाब गांव में दो पानी टंकी और सात चापाकल, हसड़ी में तीन चापाकल, बुधवा में पांच, नागाटोली में तीन चापाकल के अलावा रानाडीह, बुधुआ, नकटी, भवनवा, शोली, जोन्हा,बरकट्टा, हरैयाडीह समेत कई गावों में लगे दर्जनों रिग कल बेकार पड़े हैं। यहां तक कि रोहतासगढ़ किला परिसर में पूर्व जिलाधिकारी पंकज दीक्षित के निर्देश पर लगाई गई सौर ऊर्जा चालित पानी टंकी एवं चापाकल भी खराब पड़े हैं। हाल के दिनों में हुए रोहतासगढ़ तीर्थ यात्रा महोत्सव में पहले से सूचना देने के बाद भी पेयजल समस्या का निदान नहीं किया गया। अंतिम क्षण में काफी प्रयास के बाद पीएचईडी द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया गया, परंतु किला परिसर में स्थापित पानी टंकी चालू नहीं हो सकी। हसड़ी निवासी महावीर सिंह खरवार कहते हैं कि हसड़ी, हुरमेटा समेत कई गावो में रिग कल बंद हो जाने से लोग एक किलोमीटर दूर चुआं और कुंआ से पानी लाकर पीने को विवश हैं। बरकट्ठा निवासी मनोज सिंह खरवार कहते हैं कि बरकट्ठा में प्रत्येक रविवार को बाजार लगता है और पूरे पहाड़ी गांव से सामग्री क्रय करने के लिए लोग यहां आते हैं। यहां भी चापाकल खराब हो जाने के कारण दुर्गावती नदी से पानी लाकर लोग पीने को बाध्य हो गए हैं। सांसद छेदी पासवान द्वारा तीन वर्ष पूर्व पेयजल के लिए सौर ऊर्जा चालित टंकी लगाई गई है। संवेदक द्वारा टंकी तो लगाकर राशि भी निकासी कर ली गई, परंतु अबतक किसी भी घर को पानी नहीं मिल सका है। कहते है अधिकारी:

बंद पड़े चापाकल की सूची तैयार कर ली गई है। निविदा का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। संवेदक द्वारा मरम्मत का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। इसबार मरम्मत कार्य संवेदक के माध्यम से ही किया जाना है। बरकट्ठा में सांसद निधि से स्थापित मिनी वाटर सप्लाई योजना के तहत लगी पानी टंकी का बोर फेल हो जाने से समस्या उत्पन्न हुई है। नया बोर करने की स्वीकृति मिल गई है, तत्काल काम शुरू होगा।

शमी अख्तर, कार्यपालक अभियंता

ग्रामीण स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग


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