इंद्रपुरी बराज पर गहराया जल संकट, धान की रोपनी बाधित
रोहतास। मध्य प्रदेश के बाणसागर व उत्तर प्रदेश के रिहंद जलाशय से मांग के अनुरूप पानी नहीं मिलने के
रोहतास। मध्य प्रदेश के बाणसागर व उत्तर प्रदेश के रिहंद जलाशय से मांग के अनुरूप पानी नहीं मिलने के चलते इंद्रपुरी जलाशय पर जल संकट गहराने लगा है। खरीफ फसलों के लिए सोन नहरों में पानी की आवश्यकता को देखते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के पसीने छूटने लगे हैं। राज्य के आठ जिलों के लगभग 214 हजार हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसलों के प्रभावित होने की आशंका से किसानों की परेशानी बढ़ गई है।
जल संसाधन विभाग के अनुसार रिहंद व बाणसागर जलाशय से छह-छह हजार क्यूसेक पानी की मांग की गई है। दोनों जलाशयों पर तैनात सहायक अभियंताओं को इस संबंध में पहल करने का निर्देश दिया गया है। राज्य स्तर से भी पानी छोड़ने की पहल की जा रही है। उम्मीद है कि सोमवार से वहां से अतिरिक्त पानी मिल जाएगा। रविवार को को रिहन्द जलाशय से 2500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं बाणसागर जलाशय से लगभग 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे आज विभागीय अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।
मॉनिटरिग सेल के कार्यपालक अभियंता भवनाथ सिंह ने बताया कि इस माह में शुरू के 10 दिनों तक भारी वर्षा के बाद सोन नहर क्षेत्र के खेतों में रोपनी का कार्य प्रारंभ हो गया था। लेकिन गत पांच दिनों से तेज धूप के कारण खेतों में पटवन के लिए पानी की मांग बढ़ गई है। इंद्रपुरी बराज रिहंद व बाणसागर जलाशय पर निर्भर है। जिसके लिए पानी का आवंटन केंद्रीय जल आयोग द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है।
उन्होंने बताया कि आज ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र से लगभग नौ हजार क्यूसेक पानी प्राप्त हुआ है। जिसमें पूर्वी संयोजक नहर में 4704 व पश्चिमी संयोजक नहर में 2095 क्यूसेक पानी बराज से दिया जा रहा है। इनसेट
रविवार को बराज से छोड़ा गया पानी (क्यूसेक में) उच्चस्तरीय नहर - 873
आरा मुख्य नहर - 2146
बक्सर मुख्य नहर - 1943
चौसा शाखा नहर - 571
बक्सर शाखा नहर - 499
गारा चौबे शाखा नहर- 511
बिहिया वितरणी - 300
कोइलवर - 40
भोजपुर - 125