हादसे में मरे सेना के जवान का शव पहुंचा गांव, मातम
प्रखंड के ढेलाबाद निवासी सेना के जवान मृत्युंजय प्रसाद की मौत मंगलवार सुबह राजगीर के इस्लामपुर में स्कॉर्पियो व बस के बीच टक्कर में हो गई। वह अपने साथियों के साथ कैंटीन से सामान लेने के लिए गया जा रहा था कि घने कोहरे की वजह से यह भीषण दुर्घटना हो गई।
प्रखंड के ढेलाबाद निवासी सेना के जवान मृत्युंजय प्रसाद की मौत मंगलवार सुबह राजगीर के इस्लामपुर में स्कॉर्पियो व बस के बीच टक्कर में हो गई। वह अपने साथियों के साथ कैंटीन से सामान लेने के लिए गया जा रहा था कि घने कोहरे की वजह से यह भीषण दुर्घटना हो गई। मृत्युंजय का शव गुरुवार को उनके पैतृक गांव ढेलाबाद लाया गया, जिनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों ग्रामीण उमड़ पड़ी। वह दिल्ली में पदस्थापित था। नम आंखों से लोगों ने जवान को श्रद्धांजलि दी और पुष्प अर्पित कर उनके शव यात्रा में शामिल हुए। शव का पूरे राजकीय सम्मान के साथ तीन राउंड गोलियों से सलामी दी गई। ग्रामीण हाथ में तिरंगा लेकर आर्मी जवान मृत्युंजय प्रसाद अमर रहे के नारे लगाते रहे।
घटना को ले मृत्युंजय के पिता बिगन प्रसाद का रो-रोकर बुरा हाल है। जवान बेटे की मौत के बाद घर में मातम छा गया है। तीन भाइयों में से मृत्युंजय दूसरे नंबर पर था। पिता ने बताया कि गरीबी को झेलते हुए मजदूरी कर बड़ी उम्मीद से लड़के को पढ़ा-लिखाकर देश की सेवा के लिए भेजा था। चार वर्ष पहले ही सेना में नौकरी ली थी, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। वहीं जवान की मां का रो-रोकर स्थिति खराब हो गई है। बार-बार मूर्छित होकर गिर रही थी और होश आने पर अपने बेटे की एक झलक के लिए तड़प उठती थी। इस माहौल में सांत्वना देने आए हुए लोगों की भी आंखे नम थी।