बिहारी छोरे ने विदेशी दुल्हनिया संग रचाई शादी, रोहतास में लिये सात फेरे
विदेश गए डेहरी के अरविंद कुमार सिंह को बुल्गारिया के सोफिया शहर की याना एनचेंवा स्टेकोवा नामक युवती से प्रेम हो गया। मामला आगे बढ़ा तो बात शादी तक पहुंच गई। फिर आ गई बिहार।
रोहतास [जेएनएन]। यह कहावत सच ही है कि प्रेम में इतनी शक्ति होती है कि वह सात समंदर पार से भी लोगों को खींच लाता है। व्यवसाय के सिलसिले में विदेश गए डेहरी प्रखंड के शंकरपुर निवासी अरविंद कुमार सिंह को बुल्गारिया के सोफिया शहर की रहनेवाली याना एनचेंवा स्टेकोवा नाम की युवती से प्रेम हो गया। दोनों ने भारत आकर शुक्रवार की रात स्थानीय पाली रोड स्थित अग्रसेन भवन में हिंदू रीति-रिवाज से सात फेरे ले शादी रचाई।
मौके पर मौजूद कुछ लोग आपस में यह भी कहते दिखे कि यह जो धूम धड़ाका है, वह कोई आम शादी या बारात का नहीं है। यह तो दो देशों के प्रेमी-युगल के आपसी मिलन का गवाह है। डेहरी के शंकरपुर के रहनेवाले अरविंद का मोरक्को में अपना व्यवसाय है। इसी दौरान उनकी मुलाकात बुल्गारिया की याना से हुई तथा देखते ही देखते दोनों एक-दूसरे से प्रेम करने लगे। बात शादी तक पहुंची, तो अरविंद ने अपने संस्कार तथा सभ्यता की दुहाई दी। अरविंद पूरी वैवाहिक प्रक्रिया पारंपरिक रीति-रिवाज से अपने गांव में करना चाहा, तो प्रेमिका भी मान गई।
विदेशी प्रेमिका अपने पूरे परिवार के साथ बुल्गारिया से साढ़े पांच हज़ार किलोमीटर की दूरी तय कर यहां आई और सात फेरे ले शादी के बंधन में बंध गई। इस मौके पर वर-वधू के परिवार वालों व शुभचिंतकों के साथ एसडीएम गौतम कुमार ने भी उनके सुखद एवं समृद्ध दाम्पत्य जीवन के लिए आशीर्वाद दिया।
बुल्गेरिया के सोफिया शहर की याना एनचेवा स्टेकोवा से अरविंद की शादी पर पिता आदित्य सिंह ने कहा कि हमने अपने बच्चे की खुशी में ही अपनी खुशी समझी। वे समाज की तमाम दकियानूसी रिवायतों को छोड़ धूमधाम से पूरे पारंपरिक रीति-रिवाज से दोनों की शादी कराई। एक तरफ जहां छोटी-छोटी बातों पर लोग आपस में बंट रहे हैं। वहीं प्रेम ही ऐसी रिवायत है, जो दो देशों को भी जोड़ रही है। हमारी संस्कृति में कही गई है कि 'वसुधैव कुटुंबकम' अर्थात पूरा संसार अपना कुटुंब है। ऐसे में दो देशों की दूरी प्रेम करने वाले को कहां रोक सकती है। अरविंद और याना एनचेवा स्टकोवा ने अपने प्रेम को विवाह में बदल कर दो देशों के बीच रिश्ते को मजबूत किया है।