40 वर्षों से किसान कर रहे पानी टपकने का इंतजार
पूर्णिया। प्रखंड के महथौर पंचायत अंतर्गत विश्वासपुर गांव के किसानों को स्टेट बो¨रग से पानी टपकने का
पूर्णिया। प्रखंड के महथौर पंचायत अंतर्गत विश्वासपुर गांव के किसानों को स्टेट बो¨रग से पानी टपकने का इंतजार 40 वर्षों से है। 1975 में यहां लगाई गई स्टेट बो¨रग तीन-चार साल चलने के बाद बंद हो गया। बो¨रग के काम नहीं करने से किसानों को पटवन में परेशानी होती है। पंपसेट से ¨सचाई करनी पड़ती है जो महंगी है। यहां मुख्य रूप से किसान सब्जी की खेती करते हैं और खेती से संपन्न भी हो रहे हैं। यहां की जा रही सब्जी की खेती की जानकारी पाकर हाल ही कृषि मंत्री भी यहां पहुंचे थे। किसानों ने उनसे भी बो¨रग को चालू करवाने की गुहार लगाई गई लेकिन यह अबतक चालू नहीं हो पाया है।
पाइप में लोग बांधते हैं मवेशी
विश्वासपुर गांव में किसानों को ¨सचाई की सुविधा पहुंचाने के लिए प्रेम नारायण वर्मा के दरवाजे पर स्टेट बो¨रग का निर्माण 1975 में किया गया था। निर्माण उपरांत जेनरेटर से लगभग पांच वर्ष तक स्टेट बो¨रग चला जिससे ग्रामीणों को सस्ती ¨सचाईं उपलब्ध होती थी और मुनाफा अधिक होता था। जेनरेटर खराब होने के बाद बिजली आई। बिजली से लगभग एक वर्ष से अधिक समय तक ¨सचाई की गई इसके बाद खराबी आने की वजह से बो¨रग ने काम करना बंद कर दिया। एकबार जब यह खराब हुआ तो आजतक नहीं चला। लंबे समय से बो¨रग बंद रहने के कारण खेतों में बनाये गए नाले टूट गए। फिलहाल सिर्फ स्टेट बो¨रग का मकान और पाइप नजर आता है। लोग पाइप में मवेशी बांधकर रखते हैं और मकान भी जर्जर हो गया है।
ग्रामीण दरोगा ¨सह ने बताया कि गांव में बिजली चालू है लेकिन स्टेट बो¨रग का कई सामान खराब होने और देखरेख के अभाव में यह बंद है। जिससे किसानों को महंगी ¨सचाई करनी पड़ती है।
कृषि मंत्री से किसानों ने किया था अनुरोध
किसानों ने कहा कि यहां एक सौ अधिक किसान लगभग दो सौ एकड़ में सब्जी की खेती करते हैं। सब्जी की खेती में खाद व कीटनाशक आदि पर खर्च अधिक है। इसके अलावा लोगों को ¨सचाई भी पंपसेट से करनी पड़ती है जो महंगी है। बताया कि हाल ही कृषि मंत्री प्रेम कुमार यहां सब्जी की खेती देखने आए थे। उनसे किसानों ने बो¨रग को चालू करवाने का अनुरोध किया था लेकिन अबतक इस दिशा में कार्य नहीं हुआ। कहा कि इस समय खेतों में ¨भडी, मिर्च, खीरा आदि की फसल लहलहा रही है जिसमें धूप के कारण प्रतिदिन पानी देना पड़ता है। डीजल पंपसेट से पानी देते-देते किसान परेशान हैं।