संत सदानंद सागर को लोगों ने दी नम आंखों से अंतिम विदाई
पूर्णिया। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भागलपुर में शुक्रवार को संत सदानंद सागर के
पूर्णिया। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भागलपुर में शुक्रवार को संत सदानंद सागर के निधन बाद शनिवार को उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव मौजमपट्टी लाया गया। वे 15 वषरें से महर्षि मेॅंहीॅं आश्रम कुप्पाघाट भागलपुर में अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा का मंत्री पद संभाले हुए थे। गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या लोग जुटे और नम आंखों से अंतिम विदाई दी। संत की इस महायात्रा में काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
संत सदानंद सागर विद्युत विभाग में अधिकारी पद से सेवानिवृत्त थे। वे सरल और सहज स्वभाव के थे। नौकरी के समय से ही वे संत महर्षि मेंॅहींॅ के शिष्य थे। पिछले 15 वषरें से महर्षि मॅेंहीॅं आश्रम कुप्पाघाट भागलपुर में अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा का मंत्री पद संभाले हुए थे। वे कुछ दिनों से बीमार थे। उनका स्वास्थ्य बिगड़ता देख आश्रम के लोगों ने चार दिन पहले उन्हें इलाज के लिए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर में भर्ती कराया था। शुक्रवार को अस्पताल में ही उनकी मृत्यु हो गई। वे 80 वर्ष के थे।