थाना में मामला दर्ज नहीं होने के लिए शक्ति मल्लिक पुलिस को देता था रिश्वत
पूर्णिया। राजद के पूर्व नेता शक्ति मल्लिक हत्याकांड में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है
पूर्णिया। राजद के पूर्व नेता शक्ति मल्लिक हत्याकांड में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है। शक्ति से पुलिस सांठगांठ अगर नहीं होती तो अपराधी को हत्या करने की नौबत नहीं आती। ऐसी बात कहकर गिरफ्तार अपराधी मो. अफताब ने एसपी सहित पुलिस पदाधिकारी के समक्ष प्रेसवार्ता में कहकर पुलिस वाले की मिलीभगत की पोल खोल दी। उसने कहा कि शक्ति मल्लिक के खिलाफ केहाट थाना में जो भी मामला जाता उसे शक्ति मल्लिक अपने पहुंच और पैसा के बदौलत पुलिस पदाधिकारी से मिलकर रफा-दफा कर देता था। शक्ति के खिलाफ हर माह रुपये लेन-देन को लेकर प्रताड़ना की दो-तीन मामला थाना पहुंचता था। लेकिन पुलिस पदाधिकारी उसपर संज्ञान नहीं लेते और मामला को शक्ति मल्लिक के संज्ञान में देता और रुपये लेकर मामला समाप्त कर देता था। इस दौरान अफताब ने एसपी के सामने थाना के पूर्व और वर्तमान दारोगा के नाम भी लिए। इसमें दारोगा विरेंद्र कवि, चंदन पासवान सहित विजय कुमार भारती का नाम बताया। उसने कहा कि समय-समय पर शक्ति पुलिस वाले को पैसा देकर मैनेज करते रहते थे। अगर पुलिस उस आवेदन को गंभीरता से लेती और कार्रवाई करती तो ऐसे कुछ भी नहीं होता।
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सुबह 3:30 बजे दीवार कूदकर शक्ति के घुसे थे अपराधी
पूर्णिया : राजद के पूर्व नेता शक्ति मल्लिक की हत्या करने के लिए अपराधी तीन घंटा तक उसके बाथरूम में बंद रहकर घर के खुलने का इंतजार कर रहा था। घर खुलते ही अपराधियों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि शक्ति के घर के बाहर चारदीवारी के अंदर बने बाथरूम में हत्या करने के लिए अपराधियों ने घात लगाकर बैठा हुआ था। उसने बताया कि मामले में गिरफ्तार केहाट थाना क्षेत्र के मधुबनी सिपाही टोला निवासी अपराधी अफताब, केनगर थाना क्षेत्र के रामपुर निवासी सलीम उर्फ पच्चपन, मीरगंज थाना क्षेत्र के रंगपूरा निवासी मो जुनैद, अफरोज, मो युसूफ, साहबगंज के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र निवासी एकाम खान और सहायक खजांची थाना क्षेत्र के माधोपाड़ा निवासी मो तनबीर अंजुम को गिरफ्तार किया गया। सभी अपराधी शक्ति की हत्या करने के लिए उसके बाथरूम में तीन घंटे तक इंतजार किया। घटना को अंजाम देकर भागने के दौरान तीन अपराधियों का चप्पल वहां छूट गया था। इसके अलावा पुलिस ने घटनास्थल से अपराधियों का छूटा हुआ एक कट्टा और एक टूटा हुआ कारतूस बरामद किया था। घटना के बाद पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान शुरू किया। इस दौरान पुलिस को पांच मोबाइल टावर का लोकेशन मिला जिस आधार पर पुलिस अनुसंधान शुरू कर हत्यारे तक पहुंची। वहीं सीसीटीवी कैमरा में भी दो आरोपित दिखा है। सभी साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर दो दिनों में घटना में संलिप्त सभी आरोपित को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया। अपराधियों के पास से पांच हथियार, तीन कारतूस, पांच मोबाइल, एक चाकू और घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिल जब्त की है।
इसके बाद पुलिस अपराधियों के बयान पर शक्ति के घर एवं कार्यालय से कई स्टांप पेपर, कई आधार कार्ड, चेक सहित रुपये लेन-देन का रजिस्टर जब्त कर मामले का खुलासा किया। शक्ति मल्लिक पर वर्ष 2012 से लेकर 2020 तक हत्या, लूट, रंगदारी सहित रुपये लेन-देन का कई मामला दर्ज होने का बात सामने आया है।