जाप सुप्रीमो पप्पू यादव की गिरफ्तारी के विरोध में धरना
पूर्णिया। जाप सुप्रीमो पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद एक ओर जहां
पूर्णिया। जाप सुप्रीमो पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद एक ओर जहां कार्यकर्ताओं में भारी उबाल है, वहीं पार्टी के आदेश पर कार्यकर्ता अपने-अपने घरों में धरना- प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल पर अनिश्चितकालीन रूप से बैठ गए हैं तथा पप्पू यादव को जल्द रिहा करने की मांग कर रहे हैं। धरना की अगुवाई कर रहे जाप छात्र प्रखंड अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को अविलंब रिहाई की मांग करते हुए कहा कि बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार अपनी नाकामी छुपानें के लिए एक साजिश के तहत पूर्व सांसद को गिरफ्तार किया है । उनके द्वारा भाजपा सांसद की पोल खोलकर रख दी थी, कुछ इसी का परिणाम है कि सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है तथा अपनी भ्रष्ट व्यवस्था को छुपाना चाहती है । पूर्व सांसद अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद करने वाले पप्पू यादव को गिरफ्तार कर सरकार अपनी चरमराती व्यवस्था और भ्रष्ट व्यवस्था का परिचय दे रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे भयानक बीमारी से निपटने के लिए सरकार कोई तैयारी नहीं की है, जबकि पप्पू यादव जैसे नेता नेता नहीं, बल्कि जनसेवक हैं । यदि उन्हें वोट की राजनीति करनी होती तो चुनाव हारने के बाद सड़क पर लाश को साइकिल में लोड कर अस्पताल नहीं ले जाते । उन्होंने आक्रोशित लहजे में कहा पूर्व मंत्री व सारण के संसद राजीव प्रताप रूडी द्वारा एंबुलेंस घोटाला को सामने लाने वाले जाप सुप्रीमो पप्पू यादव पर एफआईआर दर्ज कर चोरी और सीना जोरी को सही साबित कर दिया । मंगलवार को जाप सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव जी को पटना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया उसके बाद मधेपुरा पुलिस के द्वारा पुराना केस लगभग 32 साल पुराने केस में उनको मधेपुरा जेल भेज दिया गया इसीलिए वे बिहार सरकार से मांग करते हैं कि जाप सुप्रीमो को जब जब तक रिहा नहीं करते हैं तब तक वे अपने साथियों के साथ अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे रहेंगे। मौके पर छात्र प्रखंड अध्यक्ष अश्विनी कुमार, छात्र प्रखंड सचिव खुशी लाल यादव, छात्र प्रखंड उपाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार, संतोष कुमार सागर सहित अन्य साथी अपने - अपने साथियों के साथ कोरोना के गाइड लाइन के साथ सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए धरने पर बैठे थे ।