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कभी माथे पर था बीहड़ का कलंक अब नई उड़ान की दहलीज पर..

जागरण संवाददाता पूर्णिया पूर्णिया-धमदाहा (एसएच) व पूर्णिया-सहरसा एनएच 107 के बीच का धमदाहा

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 06:57 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 07:03 PM (IST)
कभी माथे पर था बीहड़ का कलंक अब नई उड़ान की दहलीज पर..
कभी माथे पर था बीहड़ का कलंक अब नई उड़ान की दहलीज पर..

जागरण संवाददाता, पूर्णिया: पूर्णिया-धमदाहा (एसएच) व पूर्णिया-सहरसा एनएच 107 के बीच का धमदाहा, केनगर व बनमनखी प्रखंड का बड़ा इलाका कभी बीहड़ के नाम से बदनाम था। यह इलाका लगभग आधा दर्जन बड़े गिरोह का बसेरा हुआ करता था। रात को कौन पूछे यहां दिन में ही पटाखे की तरह बंदूकें गरजती थीं..। दुर्गम यातायात के कारण अपराध व पिछड़ेपन के दोहरे कलंक से इस इलाके का चेहरा पूरी तरह स्याह हो चुका था। बाद में तस्वीर बदली और बहुत हद तक इस कलंक से मुक्ति का रास्ता मिला। अब यह इलाका नए सफर की दहलीज पर पहुंच चुका है। 48.50 करोड़ से 18 फीट चौड़ी 21.5 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण इस इलाके बीचोबीच शुरु हो चुका है। इस सड़क की स्थिति लगभग एस एच जैसी ही होगी। यह सड़क पूरे इलाके के लिए मील का पत्थर होगा। कृषि मामले में धनी यह इलाका इस सड़क के रास्ते निश्चित रुप से एक नई उड़ान की दहलीज पर है। तीन तरफ नदियां व ध्वस्त सड़कें पुलिस को कर देती थी विवश

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दरअसल जिस इलाके से यह सड़क गुजरने वाली है, कभी तीन तरफ नदियों व फिर ध्वस्त सड़कों के कारण पूरी तरह घिरा हुआ था। पुलिस के लिए वाहन के साथ इन इलाकों में प्रवेश कठिन हो जाता था। इसका पूरा फायदा अपराधी उठाते थे और अपराध की घटनाओं को अंजाम देने के बाद वे इस इलाके में जमे रहते थे। पारसमणि, चिकनी डुमरिया, शरणार्थी टोला, किशनटोली सहित अन्य बस्तियों में अपराधियों का जमावड़ा लगा रहता था। इधर कृषि प्रधान इस इलाके के लोगों के लिए भी यह स्थिति पूरी तरह प्रतिकूल थी और उनके लिए मंडी तक अनाज पहुंचाना भी टेढ़ी खीर हो जाता था। बाद में सड़के बनी तो स्थिति में काफी सुधार हुआ। अब इस सड़क के निर्माण से कृषि व व्यवसाय की दृष्टि से क्षेत्र को नया आयाम मिलना तय है। एसएच व एनएच के बीच से निकलेगी सड़क, गांवों में होगा नाला का निर्माण इस सड़क का निर्माण पथ निर्माण विभाग के सौजन्य से हो रहा है। इसका पूरा श्रेय धमदाहा विस क्षेत्र की विधायक सह बिहार सरकार की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेशी सिंह को है। मंत्री के लगातार अनुरोध के बाद इस ग्रामीण पथ को मुख्यमंत्री के निर्देश पर पथ निर्माण विभाग द्वारा अधिग्रहित किया गया। गत वर्ष ही इसकी निविदा हुई और अब इसका निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है। यह पथ धमदाहा-बनमनखी पथ के अमारी से निकलकर भाया गरेल, संझाघाट, दमैली, चिकनी शरणार्थी टोला, डुमरिया, लाफा चौक, चपिया घाट, बनियापट्टी होते हुए काझा कोठी के समीप स्टेट हाइवे से मिलेगा। इसमें दो बड़े पुल का निर्माण भी होना है। चिकनी शरणार्थी टोला व डुमरिया शरणार्थी टोला के बीच लखीजान नदी पर स्क्रूपाइल पुल के बदले आरसीसी पुल का निर्माण होना है। इसके अलावा चपिया घाट के समीप एक बड़े पुल का निर्माण होगा। इस सड़क के किनारे पड़ने वाले गांवों में नाला व फुटपाथ का निर्माण भी होना है। फिलहाल कार्य आरंभिक चरण में है और इसी साल इसे पूर्ण करने का लक्ष्य है। लाइन होटल व पेट्रोल पंप के लिए शुरु हो गई जमीन की तलाश

इस सड़क का निर्माण कार्य फिलहाल आरंभिक चरण में है। इस स्थिति में ही सड़क के दोनों किनारे जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं। मक्का उत्पादन में अलग पहचान रखने वाला यह इलाका इस सड़क के निर्माण से नए सफर की ओर अग्रसर है। लोग लाइन होटल व पेट्रोल पंप आदि के लिए जमीन की तलाश शुरु हो गई है। बता दें कि इस सड़क के निर्माण से एनएच व एसएच पर वाहनों का दबाव भी घट जाएगा।


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