भारत बंद करने सड़क पर उतरे विपक्षी दल के कार्यकर्ता, किया प्रदर्शन
पूर्णिया। कृषि बिल के विरोध में शुक्रवार को भारत बंद करने सड़क पर उतरे विभिन्न विपक्षी द
पूर्णिया। कृषि बिल के विरोध में शुक्रवार को भारत बंद करने सड़क पर उतरे विभिन्न विपक्षी दल के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय जनता दल के जिलाध्यक्ष जिलाध्यक्ष मिथिलेश कुमार दास एवं महानगर अध्यक्ष सबी अहमद के नेतृत्व में कृषि बिल के खिलाफ राजद कार्यकर्ताओं ने शहर भ्रमण कर किसान विरोधी बिल वापस लेने को नारेबाजी की एवं प्रदर्शन किया। पार्टी नेता एवं कार्यकर्ताओं ने थाना चौक से गिरजा चौक, आस्था मंदिर चौक, जेल चौक होते हुए आरएनसाव चौक पहुंचे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को किसान विरोधी सरकार है। यह सरकार देश की धरोहर को समाप्त करते हुए पहले युवा को बेरोजगारी के दलदल में धकेला। नोटबंदी कर व्यापारी का कमर तोड़ा अब किसान विरोधी बिल लाकर किसानों को सड़क पर लाने में जुट गई है। जब देश के किसान कर्ज में डूबे हुए है आत्महत्या की घटना लगातार हो रही है ऐसे समय में यह सरकार पूंजीपतियों के हाथ किसानों को बंधक बनाना चाहती है। बिहार के किसान अब भाजपा-जदयू को माफ करने वाली नहीं है जो आगामी चुनाव में स्पष्ट हो जाएगा। कार्यक्रम में कमलकिशोर यादव, नीरज सिंह ,मुन्ना दास, युवा राजद प्रदेश उपाध्यक्ष अभय कुमार सिन्हा, महानगर अध्यक्ष सबी अहमद, प्रवक्ता आलोक राज, सुशीला भारती, आलोक यादव, छात्र राजद के सीमांचल प्रभारी अंकित यादव, व्यवसाय प्रकोष्ट अध्यक्ष अजय मांझी, दिनेश दास, युवा महानगर अध्यक्ष राकेश चन्द्रवंशी, सपना गुप्ता, योगेन्द्र यादव, मो अजमल हुसैन, युवा राजद के अमरदीप, मोहसीन, रिजवान,
सुमन, नसर, राकेश, मुजाहिद सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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सीपीआइएम ने फूंका प्रधानमंत्री का पुतला
पूर्णिया : बिहार राज्य किसान सभा द्वारा अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के आह्वान पर 25 सितंबर को भारत बंद को सफल बनाने के लिए सीपीआईएम के बैनर तले बिहार राज्य किसान सभा के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मौजूद नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन कर विरोध जताया। इस दौरान नेताओं ने कहा कि काला कृषि अध्यादेश जो लोकसभा में पारित हुआ और तानाशाही कर सरकार ने राज्यसभा में बिना वोटिग कराए अल्प मत में सत्ता पक्ष के होते हुए पास कराया। उसी के विरोध में यह बंद रखा गया। अपनी मांग रखते हुए कहा कि कृषि के लिए तीनों अध्यादेश को वापस लिया जाए। स्वामीनाथन आयोग के दिशा निर्देश पर किसानों को खेती की लागत के 50 प्रतिशत जोड़कर लाभ मूल्य निर्धारित किया जाए। किसानों के हित में समर्थन मूल्य से नीचे कोई भी अनाज खरीद नहीं हो या खरीद नहीं सके अध्यादेश लाया जाए। श्रमिकों के अधिकारों को वापस कर श्रम कानून में किए गए संशोधन को खत्म किया जाए। किसानों को अनाज बेचने के लिए बाजार की गारंटी की जाए। सरकार आय वाली सभी संस्था को निजी हाथों में बेच दिया। रेल, एयरपोर्ट, दूर संचार, शिक्षा हो या फिर स्वास्थ्य बस बचा कृषि क्षेत्र था। वह भी इस बिल के साथ बेच दिया गया। प्रदर्शन में मुख्य रूप से जिला मंत्री सुनील कुमार सिंह, सुधि लाल मुंडा, मो नजाहद हुसैन, मदूसुदन ऋषि, नारायण राम, तबारक हुसैन, लाल बहादुर उरांव, रणजीत मुर्मू, उमा शंकर रस्तौगी, शिव नाथ सोरेन, बजलू, मो तैमूर, इस्माइल, मो मंजुल हक, अब्दुल रहमान, मेनुल, दीनानाथ, मुस्ताक, जीतन ऋषि, मो जहांगीर, मो सलिल सहित अन्य लोग मौजूद थे।