कोरोना से बिगड़े मानसिक सेहत को संभालने की 'उम्मीद'
पूर्णिया। कोरोना काल में लंबे वक्त तक घरों में रहने से लोग अवसाद में जा रहे हैं। ऐसे लोग
पूर्णिया। कोरोना काल में लंबे वक्त तक घरों में रहने से लोग अवसाद में जा रहे हैं। ऐसे लोगों की मानसिक सेहत को संभालने के लिए स्वास्थ्य विभाग 'उम्मीद' लेकर आया है। इस कार्यक्रम के तहत विभाग पंचायत स्तर पर शिविर लगाएगा और उपचार करेगा।
इसके अलावा विभाग जागरुकता कार्यक्रम चलाएगा और दूरभाष पर भी लोगों की समस्या को हल करेगा। सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को सदर अस्पताल स्थित मानसिक रोग विभाग में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिले में जल्द ही उम्मीद कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। मानसिक रोग विभाग द्वारा इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
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अभी लोगों की मनोस्थिति को संभालना चुनौती
मनोचिकित्सक डॉ. राजेश भारती का कहना है कि मानसिक समस्या पर लोगों का अधिक फोकस नहीं रहता है। अब जबकि लोगों को लॉकडाउन के दौरान घरों में रहना पड़ा तो उनके जीवन में कई स्तर पर बदलाव हुआ है। उनकी मानसिक परेशानी बढ़ गई है। कोरोना के कारण जीवन में एक तरह का बंधन आ गया है। मसलन हाथ की सफाई, मॉस्क पहनना आदि कारणों से भी लोगों को व्यवहारगत परेशानी हो रही है। इस कारण कई लोगों पर निराशा और भय हावी हो जाती है। कई लोग अपना सब कुछ खोकर वापस अपने घर लौटे हैं। ऐसे में उनकी मनोस्थिति को संभालना एक चुनौती बन गई है। डॉ. राजेश कहते हैं कि लोगों की मानसिक सेहत को संभालने में उम्मीद कार्यक्रम मददगार साबित होगा।
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दो स्तर पर चलेगा कार्यक्रम
मनोचिकित्सक डॉ. राजेश उम्मीद कार्यक्रम दो स्तर पर चलेगा। प्रखंड स्तर में आयोजित शिविरों में मानसिक विभाग के चिकित्सक और सोशल वर्कर सेशन में उपलब्ध रहेंगे। ये लोगों की काउंसलिग करेंगे। साथ ही एक दूरभाष नंबर भी दिया जाएगा। इसपर मानसिक रोग विभाग के स्टाफ उपलब्ध रहेंगे। लोग इस नंबर सलाह भी ले सकेंगे।
डॉ. भारती के मुताबिक सदर अस्पताल स्थित मानसिक विभाग पहले से ही पंचायत स्तर पर शिविर का आयोजन कर मानसिक रोगियों के पहचान के लिए विस्तार से जानकारी देती है। इसमें शिक्षक, जनप्रतिनिधि आदि को भी जोड़ा गया है। सभी 14 प्रखंडों में बड़ी संख्या में लोगों की पहचान हुई है। उसी को अब वृहत रूप में 'उम्मीद' कार्यक्रम के तहत लागू किया जाएगा।