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मंदिरों के बजाय घरों में पूजा करने को बाध्य हैं शिव भक्त

पूर्णिया। कोरोना संक्रमण को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के कारण शिव भक्तों को इस सावन मास मे

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 07:40 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 06:17 AM (IST)
मंदिरों के बजाय घरों में पूजा करने को बाध्य हैं शिव भक्त
मंदिरों के बजाय घरों में पूजा करने को बाध्य हैं शिव भक्त

पूर्णिया। कोरोना संक्रमण को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के कारण शिव भक्तों को इस सावन मास में मंदिरों में स्थापित शिवलिग पर जल चढ़ाकर दर्शन करना कठिन हो रहा है। जिसके कारण वे मंदिर में जलाभिषेक न कर श्रद्धा पूर्वक अपने घरों में पूजा अर्चना को बाध्य हैं। जबकि श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को विभिन्न शिव मंदिरों भक्तों की भीड़ लगी रहती थी तथा कई स्थानों पर मेले का आयोजन होता था। बनमनखी प्रखंड अंतर्गत धीमा स्थित धीमेश्वर धाम बड़हरा प्रखंड स्थित वरुणेश्वर स्थान आदि धार्मिक स्थलों पर श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में स्थापित शिवलिग पर जलाभिषेक करने पहुंचते थे। लेकिन इस वर्ष देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर सरकार एवं धार्मिक न्यास परिषद द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार सभी धार्मिक स्थानों पर भीड़ लगाना सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन का उल्लंघन माना गया है। इसे देखते हुए विभिन्न मंदिरों के कार्यकारिणी संस्था के सदस्यों द्वारा स्थापित मूर्ति की विधिवत पूजा अर्चना करते हुए अन्य भक्तों के लिए मंदिर के दरवाजे बंद रखी गई है। जबकि सावन की इस पवित्र माह का इंतजार भक्तों के साथ विभिन्न मंदिरों में नियोजित पुजारियों तथा पूजन सामग्री बेचने वाले विक्रेताओं को भी बनी रहती थी। इस माह में भक्तों से होने वाली आमदनी से कई घरों के चूल्हे कई महीनों तक जलते थे। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के भय से बंद पड़े मंदिरों के कारण उनकी रोजी-रोटी के जुगाड़ पर लाले पड़ने के आसार दिखाई पड़ रहे है।

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