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छात्रों की समस्याओं को लेकर कोर्ट जाने की राजद नेता ने दी चेतावनी

विश्वविद्यालय बनाओ संघर्ष समिति समिति के संस्थापक सदस्य व राजद के जिला प्रवक्ता आलोक राज ने छात्रों की समस्याओं को लेकर कोर्ट जाने की चेतावनी है। उन्होंने कहा कि सीमांचल के छात्रों के साथ पूर्णिया विश्वविद्यालय अन्याय कर रहा है। विश्वविद्यालय अपनी गलती की सजा छात्रों को दे रहा है जिसका विश्वविद्यालय बनाओ संघर्ष समिति विरोध करती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 06:18 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 06:18 PM (IST)
छात्रों की समस्याओं को लेकर कोर्ट जाने की राजद नेता ने दी चेतावनी
छात्रों की समस्याओं को लेकर कोर्ट जाने की राजद नेता ने दी चेतावनी

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। विश्वविद्यालय बनाओ संघर्ष समिति समिति के संस्थापक सदस्य व राजद के जिला प्रवक्ता आलोक राज ने छात्रों की समस्याओं को लेकर कोर्ट जाने की चेतावनी है। उन्होंने कहा कि सीमांचल के छात्रों के साथ पूर्णिया विश्वविद्यालय अन्याय कर रहा है। विश्वविद्यालय अपनी गलती की सजा छात्रों को दे रहा है जिसका विश्वविद्यालय बनाओ संघर्ष समिति विरोध करती है।

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उन्होंने कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक में छात्रों का नामांकन लिया गया तथा उनका निबंधन भी किया गया। प्रथम और द्वितीय पार्ट की परीक्षा होने के बाद पूर्णिया विश्वविद्यालय में बैठे पदाधिकारियों को नींद खुली और उसे याद आया कि छात्रों के द्वारा डबल लिटरेचर ले लिया गया है। लेकिन संज्ञान में आने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन समस्या के समाधान पर ध्यान नहीं दिया जिसका परिणाम है कि स्नातक तृतीय खंड के परीक्षा फार्म भरने से सैकड़ों छात्र वंचित रह गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया है क जब गलती विश्वविद्यालय की है तो सजा छात्रों को क्यों मिले। छात्र हित से जुड़े कई मामले में न्यायालय ने भी अपने छात्रों के हित में फैसला सुनाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पूर्णिया विश्वविद्यालय द्वारा डबल लिटरेचर का मामला जल्द नहीं सुलझाया गया तो छात्र हित को देखते हुए वे इस मामले को न्यायालय में ले जाएंगे। इस संदर्भ में मेरे द्वारा पूर्णिया विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एवं कुलसचिव से कई बार वार्ता हुई है, लेकिन इन लोगों के द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, छात्रों की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। जबकि डबल लिटरेचर के मामले में विश्वविद्यालय को विशेष परीक्षा का आयोजन करना चाहिए एवं इसका परीक्षाफल प्रकाशित कर छात्रों को तृतीय खंड स्नातक की परीक्षा में शामिल कराना चाहिए।


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