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प्राचार्य को विवि की अनुमति का इंतजार, दर्ज होगी प्राथमिकी

वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्णिया कालेज पूर्णिया में एक करोड़ से ज्यादा के हुए विकास कार्य से संबंधी वित्तीय अभिलेख व संचिका गायब होने के मामले में अब कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। इस मामले के दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुमति पूर्णिया कालेज के प्राचार्य ने पत्र के माध्यम पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 06:43 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 06:43 PM (IST)
प्राचार्य को विवि की अनुमति का इंतजार, दर्ज होगी प्राथमिकी
प्राचार्य को विवि की अनुमति का इंतजार, दर्ज होगी प्राथमिकी

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्णिया कालेज, पूर्णिया में एक करोड़ से ज्यादा के हुए विकास कार्य से संबंधी वित्तीय अभिलेख व संचिका गायब होने के मामले में अब कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है। इस मामले के दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुमति पूर्णिया कालेज के प्राचार्य ने पत्र के माध्यम पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगी है। यह पत्र विश्वद्यालय के कुलपति को प्राप्त हो चुका है और उनके स्तर से इस मामले के हर पहलूओं को देखा जा रहा है। क्या है पूरा मामला पूर्व प्रभारी प्राचार्य सह वर्तमान में डीन, पूर्णिया विश्वविद्यालय के कार्यकाल में कालेज में बास्केटबाल कोर्ट, बैंडमिटन कोर्ट, आडिटोरियम, स्मार्ट क्लास, सेमिनार हाल, बाउंड्री वाल का निर्माण सहित रंगाई पुताई का कार्य कराया गया था। इन कार्यो में एक करोड़ से अधिक की राशि व्यय हुई थी। इधर हाल में होने वाले नैक के पीयर टीम के निरीक्षण को लेकर तीन वर्षों के अंकेक्षण प्रतिवेदन की अनिवार्यता के चलते प्राचार्य ने सभी वित्तीय अभिलेख व संचिकाओं की तलाश शुरु की। ऐसे में पूर्व प्रभारी प्राचार्य के कार्यकाल में हुए कार्यों से संबंधित अभिलेख व संचिकाएं नहीं मिलने पर वर्तमान प्राचार्य ने पूर्व प्राचार्य सह डीन को पत्र लिखा था। इस पत्र के जवाब में डीन द्वारा संदर्भित जवाब के साथ मानहानि के दावे की बात भी लिख दी है। ऐसे में अब वर्तमान प्राचार्य ने इस मामले के दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुमति विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगी है।

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संचिकाएं गायब होने से गड़बड़ी की गहरा रही है आशंका

संबंधित कार्य का वित्तीय अभिलेख व संचिकाएं गायब होने से इन कार्यों में वित्तीय गड़बड़ी की आशंका गहराने लगी है। एक तथ्य यह भी सामने आ रहा है कि संबंधित कार्य के लिए विश्वविद्यालय से प्रशासनिक स्वीकृति ली गई थी या नहीं। प्राचार्य ने इस संबंध में पहले तत्कालीन प्राचार्य, अर्थपाल व लेखा शाखा के कर्मी को भी पत्र लिख वित्तीय अभिलेख व संचिकाओं के बाबत जानकारी मांगी थी। कोट- वित्तीय अभिलेख व संचिकाओं के गायब रहने संबंधी मामले में उन्होंने विश्वविद्यालय से प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुमति मांगी है। विश्वविद्यालय के स्तर से अनुमति मिलते ही इस मामले के दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

डा. मु. कमाल, प्राचार्य, पूर्णिया कालेज कोट- पूर्णिया कालेज से कुछ विकास कार्यों से संबंधित वित्तीय अभिलेख व संचिकाएं गायब रहने संबंधी पत्र मिला है।पत्र उन्हें मिल चुका है। वे पूरी स्थिति की जानकारी ले रहे हैं और यथोचित कार्रवाई की जाएगी।

प्रो. राजनाथ यादव, कुलपति, पूर्णिया विश्वविद्यालय।

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