क्राइम- सड़कों पर मक्के के खलिहान से चोरों की बढ़ी इंट्री
सड़क पर मक्का के आ जाने से अब ग्रामीण इलाकों में चोरों की इंट्री आसान हो गई है। सीमांचल में सड़क से मक्का चोरी की घटनाएं होने लगी है। कई बार किसानों की भीड़ ऐसे चोरों को भी दबोच चुकी है लेकिन यह सिलसिला अब भी जारी है।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। बहियारों में सामूहिक खलिहानों के धीरे-धीरे सिमट जाने से सड़कों पर मक्का तैयार करने व सुखाने का चलन अब भयावह रुप लेने लगा है। लाचार किसान कानूनी कार्रवाई की भी परवाह किए सड़क पर मक्का सूखा रहे हैं। सड़क पर गुजरने वाले लोगों को परेशानी होती है और वे यदा-कदा खीझते भी हैं। कभी-कभी मक्का सड़क हादसे का कारण भी बनता है। इधर सड़क पर मक्का के आ जाने से अब ग्रामीण इलाकों में चोरों की इंट्री आसान हो गई है। सीमांचल में सड़क से मक्का चोरी की घटनाएं होने लगी है। कई बार किसानों की भीड़ ऐसे चोरों को भी दबोच चुकी है, लेकिन यह सिलसिला अब भी जारी है।
काझा में सड़क पर मक्का सुखा रहे गोपाल ने कहा कि बारिश की वजह से मक्का सूखाना फिलहाल टेढ़ी खीर हो गया है। सामूहिक खलिहान अब बचे नहीं। पहले हर बहियार में उंचे वाले भू-भाग पर सामूहिक खलिहान होता था। यह जमीन बेकार होती थी। उस पर किसान खेती नहीं करते थे। अब तो जिनकी वह जमीन थी, उसने उसे खेत बना लिया। इधर बारिश से खेतों में पानी जम जाता है। ऐसे में वे लोग यह जानते हुए भी कि सड़क पर मक्का सूखाना अपराध है, ऐसा कर रहे हैं। इसमें भी कम आफत नहीं है। हर पल उन लोगों को भी हादसे का डर सताता रहता है। अब तो नई आफत भी आ गई है। जगह जगह से सड़क पर जमा मक्का की चोरी हो रही है। कई बार तो वाहन के साथ चोर आता है और किसानों का मक्का वाहन पर लोड कर फरार हो जाता है। सड़क पर रात बीताने का जुगाड़ नहीं रहने से लोग सड़क किनारे मक्का जमा कर घर चले जाते हैं। सड़क किनारे सोने में रात में वाहन की चपेट में आने का भय रहता है। पहले इस तरह की कुछ घटनाएं भी हुई है। इस चलते वे लोग मक्का सड़क किनारे जमा कर घर चले जाते हैं। पहले बहियारों में चोरी नहीं होती थी। अब बहियारों में भी सेंधमारी शुरु है।