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अस्पतालों को निगल रहा प्रतिनियुक्ति का रोग

चिकित्सकों के प्रतिनियुक्ति के बाद कर्मियों के प्रतिनियुक्ति से प्रखंड अस्पताल स्वयं बीमार हो रहा है। प्रतिनियुक्ति के इस रोग के विभिन्न प्रखंड अस्पताल और कार्यक्रम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। अस्पताल और कार्यालय में लंबे समय से कर्मी जमे हुए जिस कारण कार्यक्रम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 08:25 PM (IST)
अस्पतालों को निगल रहा प्रतिनियुक्ति का रोग
अस्पतालों को निगल रहा प्रतिनियुक्ति का रोग

दीपक शरण, पूर्णिया। चिकित्सकों के प्रतिनियुक्ति के बाद कर्मियों के प्रतिनियुक्ति से प्रखंड अस्पताल स्वयं बीमार हो रहा है। प्रतिनियुक्ति के इस रोग के विभिन्न प्रखंड अस्पताल और कार्यक्रम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। अस्पताल और कार्यालय में लंबे समय से कर्मी जमे हुए जिस कारण कार्यक्रम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के प्रतिनियुक्ति को प्रमंडलीय आयुक्त के सख्त निर्देश के बाद सिविल सर्जन ने रद्द कर दिया। अब कर्मियों के प्रतिनियुक्ति मामला सामने आया है। अस्पताल और कार्यक्रम को प्रतिनियुक्ति का यह रोग निगलता जा रहा है। कई प्रखंड स्तर के कर्मियों का अन्य प्रखंडों और जिला कार्यक्रम में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। इस कारण से प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम को नुकसान हो रहा है। इस बात का खुलासा कई प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के सिविल सर्जन को लिखे पत्र से सामने आया है। कर्मी मनचाहे जगह पर प्रतिनियुक्त करवा लेते हैं और डियूटी से गायब रहते हैं। उनके मूल प्रखंड अस्पतालों में महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रभावित होता है। प्रतिनियुक्ति की विसंगतियों के कारण कई प्रखंडों अस्पताल में टीकाकरण जैसे अहम कार्यक्रम तक पिछड़ रहे हैं। प्रतिनियुक्ति के विसंगतियों के कारण से कई जगहों पर अधिक एएनएम और कर्मी हो जाते हैं जबकि अन्य सुदूर के प्रखंड में नियमित टीकाकरण जैसे अहम कार्यक्रम तक में दिक्कत होती है। बीकोठी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने सिविल सर्जन को पत्र लिखकर मूल स्थान पर कर्मियों को वापस करने की मांग की है। यह स्थिति केवल इसी प्रखंड की नहीं बल्कि कई प्रखंड अस्पतालों की भी है। जहां के कर्मी अन्यत्र पदस्थापित हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बीकोठी में स्वास्थ्य कर्मियों के कमी हो जाने के कारण टीकाकरण कार्यक्रम दिक्कत हो रही है। स्वास्थ्य कर्मियों को मूल पदस्थापन संस्थान में वापस किया जाए। प्रवीण कुमार फिलहाल जिला प्रतिरक्षण कार्यालय में पदस्थापित है। उसी तरह अंजली भारती एएनएम जिला प्रतिरक्षण कार्यालय में पदस्थापित हैं। दोनों ही कर्मी प्रतिनियुक्ति के कारण प्रखंड अस्पताल टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रभावित हो रहा है। यह हाल अन्य प्रखंड अस्पतालों में भी है। इस प्रतिनियुक्ति से उक्त स्थान पर स्टाफ की अधिकता हो जाती है जिस कारण से कर्मी डियूटी से भी गायब रहते हैं। पूर्णिया पूर्व, कसबा और जिले के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एएनएम और कर्मियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। इस संबंध में आयुक्त ने भी स्थान पर लगातार तीन वर्षों से अधिक अवधि तक पदस्थापित कर्मियों के स्थानांतरण का निर्देश दिया है।

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स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यालय में लंबे समय से जमे हैं कर्मी -:

प्रमंडलीय आयुक्त ने कार्यालयों और अस्पतालों में अपने गृह प्रखंड में और एक स्थान पर लगातार तीन वर्षों से अधिक अवधि तक पदस्थापित कर्मियों को स्थानांतरण का निर्देश दिया है। इस संबंध में प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि सरकार के नियमों के अनुरूप इन कर्मियों का स्थानांतरण तीस जून तक करते हुए कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है। विदित हो कि आयुक्त ने पत्र में उल्लेखित किया है कि कर्मी अपने गृह प्रखंड में पदस्थापित हैं और कुछ कर्मी एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थापित है। किसी कर्मी को गृह प्रखंड में पदस्थापित रहने और एक ही स्थान पर तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थापित रहने के कारण कार्य संपादन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। हितबद्धता स्थानीय व्यक्तियों के साथ बढ़ जाती है। इस संबंध में सरकार का स्थापित नियम है कि जिला संवर्ग के किसी भी कर्मी को अपने गृह को अपने गृह प्रखंड में पदस्थापित नहीं किया जाए। एक स्थान पर तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थापित कर्मियों को स्थानांतरित कर अन्यत्र पदस्थापित किया जाए।

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