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ऋण वसूली के नाम पर 2.20 लाख का गबन, पीड़ित ने लगाई न्याय की गुहार

मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलौरी स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक मैं ऋण वसूली के नाम पर दो लाख 20 हजार गबन करने का कारनामा सामने आया है। जिसको लेकर पीड़ित महिला ने उच्च अधिकारी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 12:23 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 12:23 AM (IST)
ऋण वसूली के नाम पर 2.20 लाख का गबन, पीड़ित ने लगाई न्याय की गुहार
ऋण वसूली के नाम पर 2.20 लाख का गबन, पीड़ित ने लगाई न्याय की गुहार

संस, पूर्णिया पूर्व (पूर्णिया)। मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत बेलौरी स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक मैं ऋण वसूली के नाम पर दो लाख 20 हजार गबन करने का कारनामा सामने आया है। जिसको लेकर पीड़ित महिला ने उच्च अधिकारी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विक्रमपुर पंचायत के प्रमाणपुर गांव निवासी स्वर्गीय दिनेश लाल विश्वास ने 2008 में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा बेलौरी से ट्रैक्टर ऋण पर लिया था। वह भी ऐसा ट्रैक्टर जो सिर्फ तीन साल चलने के बाद ही बर्बाद हो गया। उस ट्रैक्टर का नाम था सामे। जिस कंपनी का अभी कोई अता पता ही नहीं है। सूत्रों की माने तो वह ट्रैक्टर भी उस समय के शाखा प्रबंधक द्वारा गले में जबरदस्ती बांध दिया गया था जबकि वैसे ट्रैक्टर कंपनी का कहीं अता पता नहीं है । फिर भी दिनेश लाल विश्वास थोड़ी बहुत जमीन में खेती बारी करके उस ऋण को अदा करने में लगे हुए थे। उन्होंने 6 अगस्त 2010 को तीस हजार जमा किया। जिसके बाद 1 मार्च 2012 को एक लाख रुपया जमा किया। फिर उसके बाद दिनेश लाल विश्वास ने जमीन और फसल बेचकर 16 जून 2012 को दो लाख बीस हजार रुपया उन्होंने शाखा में जमा किया। जिसके बाद उन्होंने 16 फरवरी 2011 को आठ हजार रुपया शाखा में जमा किया। जिसका उनकी पत्नी के पास साक्ष्य के तौर पर रसीद भी है। जिसके बाद दिनेश लाल विश्वास अचानक बीमार पड़े और उनकी मृत्यु 2016 में हो गई। बताया जाता है कि उस समय मे बैंक मैनेजर पीके घोष व बैंक कैशियर पीके मल्लिक थे,उसी समय का यह मामला है।तब तक बैंक के द्वारा कोई भी नोटिस उसे नहीं दिया गया था, लेकिन 2022 में अचानक दो लाख सत्तर हजार रुपया बैंक के अधिकारियों द्वारा उनकी पत्नी पर जमा करने का दबाव बनाया जाने लगा। जब उनकी पत्नी पिकी देवी ने सारा रसीद अधिकारियों को दिखाया तो उसमें दो लाख बीस हजार रुपया वाला रसीद का रुपया बैंक में जमा ही नहीं था और अधिकारियों ने बेझिझक उसे फर्जी साबित कर दिया। इस बात को सुनते ही पीड़ित महिला उसी जगह फूट-फूट कर रोने लगी। इस संबंध में पीड़ित महिला पिकी देवी ने बताया कि मेरा पति ट्रैक्टर ऋण का सभी रुपया जमा कर दिया था। उन्होंने पहले भी ऐसी बातें हम लोगों को कही थी। लेकिन बैंक के द्वारा हमको नोटिस भेजा गया कि आपके पास ऋण का दो लाख सत्तर हजार बकाया है उसे जमा करें। जब मैंने सारा रसीद दिखाया तो उसमें दो लाख बीस हजार का रसीद को फर्जी बताया और बोला कि यह रुपया जमा नहीं है। ऐसे में अब मैं क्या करूं। मेरे ऊपर से पति का साया उठ गया है। बच्चों का भरण पोषण किसी तरह मैं कर पा रही हूं, उस पर भी दो बेटी जवान है जिसका शादी कैसे होगा यह सोच कर मैं हर वक्त परेशान रहती हूं। इस स्थिति में मैं ऋण कहां से चुका पाऊंगी। उन्होंने कहा कि मेरा रुपया को पूर्व का मैनेजर और कैशियर ने गबन कर लिया है जबकि मेरे पति के द्वारा रुपया जमा किया गया है, उसका रसीद भी मेरे पास है। मैंने आवेदन देकर उच्च पदाधिकारी को न्याय की गुहार लगाई है। वही इस संबंध में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक अभय कुमार पांडे ने बताया कि हमारे द्वारा इस मामले में वरीय पदाधिकारी को भी सूचना दिया गया।जांच के उपरांत दो लाख बीस हजार का वाउचर फर्जी पाया गया है। हालांकि हमलोगों के द्वारा उक्त महिला को मदद करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

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