महामारी के दौरान बेहतर कार्य के लिए चिकित्सक व कर्मी हुआ सम्मानित
स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक और कर्मियों को सम्मानित किया गया। कोरोना महामारी में योगदान के लिए सभी कर्मियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में जिले से विभिन्न अस्पतालों में पदस्थापित चिकित्सा अधिकारी और कर्मियों को कोरोना महामारी दौरान योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक और कर्मियों को सम्मानित किया गया। कोरोना महामारी में योगदान के लिए सभी कर्मियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में जिले से विभिन्न अस्पतालों में पदस्थापित चिकित्सा अधिकारी और कर्मियों को कोरोना महामारी दौरान योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इसमें कई प्रखंड के प्रभारी चिकित्सक, जिला टीकाकरण पदाधिकारी, जिला वाहक जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को सम्मानित किया गया है। 40 से अधिक चिकित्सक और कर्मी इस सूची में शामिल हैं। इसमें टीकाकरण, टेस्टिग, उपचार से जुड़े लोगों को सम्मानित किया गया है। एएनएम, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, उत्प्रेरक, स्वीपर, डाटा इंट्री आपरेटर आदि शामिल हैं।
जीएमसीएच के चिकित्सकों के वंचित होने पर असंतोष -:
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में डेडिकेटेड कोविड वार्ड संचालित किया जा रहा है। प्रथम चरण और द्वितीय चरण में गंभीरतम मरीजों को इसी ट्रोमा सेंटर के डीडीएचसी में भर्ती किया गया था। इसमें कई लोगों की जान बचाई गई थी। यहां पर आईसीयू की सुविधा और वेंटिलेटर की सुविधा मौजूद है। निजी अस्पताल की सुविधा से इतर सरकारी स्तर पर एक मात्र यही व्यवस्था गंभीर रोगियों के लिए द्वितीय चरण में और प्रथम चरण में भी वरदान साबित हुई थी। यहां डियूटी पर तैनात चिकित्सक को प्रशिक्षण पटना के विशेषज्ञों ने प्रदान की थी। अब वे मास्टर ट्रेनर है। द्वितीय चरण में वरिष्ठ और युवा दोनों तरह के चिकित्सकों ने अपना योगदान दिया है। इसमें अधिकांश चिकित्सक इस सूची से गायब है। इसको लेकर जीएमसीएच में चिकित्सकों और कर्मियों के चर्चा गर्म है आखिर किस आधार पर मेडिकल कालेज अस्पताल के चिकित्सक इस सम्मान से वंचित रह गए जबकि उन्होंने जिले गंभीरता रोगियों का उपचार कर ठीक किया था। कोरोना लहर के दौरान यहां के चिकित्सकों की भूमिका सराहनीय थी। दस से 12 घंटा तक डियूटी निभाया पीपीई किट पहना कर। इसके बावजूद यहां के चिकित्सक वंचित हैं। जीएमसीएच के अधीक्षक डा. विजय कुमार ने बताया कि उनके माध्यम से यह सूची नहीं तैयार की गई है उनको सूची के बारे में जानकारी भी नहीं थी। जब अस्पताल के अधिकांश चिकित्सकों को वंचित होने की सूचना मिली तो इस बारे में जिला पदाधिकारी को भी अवगत कराया गया है। यह सूची डीएचएस से ही भेजी गई थी।
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