जानकीनगर में रेल सुविधाओं की पुनर्बहाली पर हुई बैठक
पूर्व मध्य रेलवे के पूर्णिया सहरसा रेलखंड स्थित जानकीनगर रेलवे स्टेशन पर नदारद यात्री सुविधाओं को पुनर्बहाल करने को लेकर गुरुवार को चोपड़ा बाजार में अलग-अलग क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों व ग्रामवासियों की बैठक आयोजित हुई। जिसमें दिन-प्रतिदिन सिकुड़ती जा रही रेल सुविधाओं पर विचार-विमर्श किया गया।
संस, जानकीनगर (पूर्णिया)। पूर्व मध्य रेलवे के पूर्णिया सहरसा रेलखंड स्थित जानकीनगर रेलवे स्टेशन पर नदारद यात्री सुविधाओं को पुनर्बहाल करने को लेकर गुरुवार को चोपड़ा बाजार में अलग-अलग क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों व ग्रामवासियों की बैठक आयोजित हुई। जिसमें दिन-प्रतिदिन सिकुड़ती जा रही रेल सुविधाओं पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों व ग्रामवासियों ने बताया कि ट्रेन की आवाजाही कम होने से रेल अधिकारी भी काफी उदासीन बने हुए हैं। रेल प्रशासन पर अपने गुस्से का इजहार करते हुए लोगों ने कहा कि आखिर कब सुधरेगी जानकीनगर स्टेशन की स्थिति, यह सवाल आज भी यहां से अपनी यात्रा शुरू करनेवाले यात्री कर रहे हैं। रेल प्रशासन के आलाधिकारियों पर इस रेलखंड के यात्रियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि बड़ी लाइन के निर्माण हो जाने के बाद तो इस स्टेशन की स्थिति और भी बुरी हो गई है। इतना ही नहीं रेल अधिकारी भी इस स्टेशन पर सुधार की कोशिशों से मुंह फेरे हुए हैं। रूपौली उतर पंचायत के मुखिया मनोज कुमार यादव, रामपुर तिलक के मुखिया रामकृष्ण मानस उर्फ बोलबम , अभयराम चकला ,मधुबन सहित आसपास के गांवों के जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों ने जानकारी दी कि आमान परिवर्तन के पहले जानकीनगर रेलवे स्टेशन पर सभी एक्सप्रेस रेलगाड़ियों तथा जानकी एक्सप्रेस, हरिहरनाथ एक्सप्रेस,जीएल एक्सप्रेस, एवं कोशी एक्सप्रेस आदि रेलगाड़ियों का ठहराव था। इस सेक्सन में कटिहार, पूर्णियां, सहरसा रेलमार्ग पर चार जोड़ियों से अधिक यात्री सवारी गाड़ियों का भी परिचालन होता था । लेकिन अब सुविधाएं सिकुड़ गई हैं। बोले कि पहले यहां एक मालगोदाम/ गुड्स शेड भी हुआ करता था , जहां से क्षेत्रीय व्यापारी और किसान अपने उत्पादित सामग्रियों को बाहर भेजते थे और बाहर से भी सामग्रियों का आवक होता था। इन सारी सुविधाओं को रेल विभाग के उच्चाधिकारियों ने बंद कर दिया है। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता रणजीत गुप्ता, मंडल अध्यक्ष सत्यप्रकाश, कांग्रेस के संजीव कुमार यादव, मधुबन के पूर्व मुखिया रमेंश पासवान, विजय कुमार पाण्डेय, अभयराम चकला के मुकेश कुमार, सहित कई अन्य क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने बताया कि आमान परिवर्तन के उपरांत इस स्टेशन पर एक भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं होने के कारण क्षेत्रवासियों को बहुत अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आमान परिवर्तन के बाद यात्री सवारी गाड़ियों में भी रेल प्रशासन ने कटौती कर दी है। अभी मात्र दो जोड़ी सवारी गाडी चल रही है , बैठक में उपस्थित क्षेत्रवासियों ने रेलवे के उच्चाधिकारियों से जनहित को देखते हुए इस स्टेशन पर आमान परिवर्तन के पूर्व की भांति रेल सुविधाओं को पुनर्बहाल करने की मांग की। अभी मात्र दो जोडी यात्री सवारी गाडी का परिचालन हो रहा है। इस रेलखंड के यात्रियों का कहना है कि ट्रेनों की संख्या काफी कम रहने के कारण यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। यह रेलखंड उपेक्षा का जीता-जागता उदाहरण है। कब सुधरेगी इस रेलखंड की स्थिति? यह सवाल आज भी अपनी यात्रा शुरू करनेवाले यात्रियों के जेहन में कौंधता रहता है। गुस्साए क्षेत्रवासियों ने कहा कि इस रेलखंड पर यात्रा करना एक सजा के समान है। इस दौरान महानंद सहनी, पूर्व सरपंच सुदर्शन सम्राट, अभाविप के जिला संयोजक अभिषेक आनंद, अंजय अग्रवाल, गुंजन शर्मा, पूनमचंद सुराणा, भुवर सिंह, सहित दर्जनों गणमान्य लोग उपस्थित थे।