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क्राइम---अटिया को लुभाने लगा था पूर्व के हिस्ट्रीशीटरों के गलैमर

खूनी संघर्ष के चलते सदा सूर्खियों में रहने वाला सरसी गांव का आशीष सिंह उर्फ अटिया ने भले ही आपसी दुश्मनी में हथियार थामा था लेकिन उसकी राह बदल चुकी थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 07:44 PM (IST)
क्राइम---अटिया को लुभाने लगा था पूर्व के हिस्ट्रीशीटरों के गलैमर
क्राइम---अटिया को लुभाने लगा था पूर्व के हिस्ट्रीशीटरों के गलैमर

प्रकाश वत्स, पूर्णिया। खूनी संघर्ष के चलते सदा सूर्खियों में रहने वाला सरसी गांव का आशीष सिंह उर्फ अटिया ने भले ही आपसी दुश्मनी में हथियार थामा था, लेकिन उसकी राह बदल चुकी थी। पूर्व के कई हिस्ट्रीशीटरों के ग्लेमर भरी जिदगी उसे भी लुभाने लगा था। इस चलते गांव की डगर छोड़ वह शहर की तरफ बढ़ चुका था। एक बड़ा गिरोह से भी वह टैग हो चुका था और उस गिरोह द्वारा प्रत्यक्ष सरगना के रुप में उसे पेश किया जा रहा था। इसका एक उद्देश्य जल्द से जल्द शहरी इलाकों में भी एक दहशत फैलाकर काली कमाई से लेकर अधिक कमाई वाले धंधें में हाथ जमाना था।

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गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पुलिस को अटिया ने खुद यह जानकारी दी है। अटिया ने बताया कि निश्चित रुप से अपराध की दुनिया में कदम रखने का एक मात्र कारण बकरा चोरी का वीडियो था। इस वीडियो के फेसबुक पर डालने के बाद उस पर हर कमेंट पर भी उसकी नजर थी। कमेंट में बकरा चोर लिखने वाला हर शख्स उसके टारगेट पर था। बाद में उसके ताल्लुकात केशव झा सहित अन्य अपराधियों से बढ़ने लगी। पूर्व जिला पार्षद विश्वजीत सिंह उर्फ रिटू सिंह की हत्या के बाद केशव झा ने ही इंदौर जाने में उसकी मदद की थी। वे लोग शहरी क्षेत्र में अपना खौफ कायम करना चाह रहे थे। इसी जरिए वे लोग बस पड़ाव सहित जमीन ब्रोकरी आदि के धंधे में भी अपना दबदबा कायम करना चाह रहा था। गांव के लोग कहते हैं कि अटिया को विशेषकर जेल में बंद बिट्टू सिंह से विशेष चिढ़ थी। वह अक्सर कहता था कि अब बिट्टू सिंह नहीं मैं लग्जरी से सफर करुंगा। केशव झा था सभी का अपराध गुरु

पूछताछ में कई अन्य तथ्य भी सामने आए हैं। अटिया व उसके गिरफ्तार सभी शार्गिदों का अपराध गुरु केशव झा ही था। केशव झा इस सहारे बड़ा गेम करने की फिराक में था। केशव झा पूर्व से बड़े अपराधियों की शोहबत में रह चुका था। अब अटिया के साथ उसी तर्ज पर अपनी बादशाहत कायम करना चाह रहा था।

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कोट-

अटिया ने पूछताछ में आपसी दुश्मनी के कारण पहली हत्या करने की बात स्वीकार की है। इसके बाद निश्चित रुप से दहशत फैलाकर धनोपार्जन उसका भी मकसद था। इस उद्देश्य से ही बहुत कम दिनों में उसने एक बड़ा गिरोह तैयार कर लिया था। यद्यपि इस गिरोह का मास्टर माइंड केशव झा है, लेकिन अटिया को सरगना के रुप में भी चर्चित किया गया।

सुरेंद्र कुमार सरोज, एसडीपीओ सह टीम प्रमुख, विशेष टीम।

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