Move to Jagran APP

स्वरोजगार से गरीबी दूर कर रही है जीविका दीदियां

ग्रामीण महिलाओं की बीच गरीबी दूर करने में ग्रामीण विकास प्रोत्साहन इकाई जीविका बड़ी भूमिका निभा रहा है। परियोजना से ऋण मुहैया कराना और स्वयं सहायता समूह के माध्यम से स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने से ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 09:05 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 09:05 PM (IST)
स्वरोजगार से गरीबी दूर कर रही है जीविका दीदियां
स्वरोजगार से गरीबी दूर कर रही है जीविका दीदियां

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। ग्रामीण महिलाओं की बीच गरीबी दूर करने में ग्रामीण विकास प्रोत्साहन इकाई जीविका बड़ी भूमिका निभा रहा है। परियोजना से ऋण मुहैया कराना और स्वयं सहायता समूह के माध्यम से स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने से ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित हो रही है। इतना ही नहीं स्वरोजगार के लिए ना केवल धन मुहैय्या कराना बल्कि उसके समुचित कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। कर्ज मुहैय्या होने से स्थानीय महाजन के चंगुल से भी महिलाओं को मुक्ति मिल रही है। आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की दिशा में यह प्रयास मिल का पत्थर साबित हो रहा है। जिले में 36 हजार 236 स्वयं सहायता समूह गठित हो चुके हैं। इसमें चार लाख 44 हजार 811 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इसी में 24 हजार 241 ग्राम संगठन और संकुल स्तरीय संघ की संख्या 45 है। महिलाएं के आर्थिक क्रिया कलापों के माध्यम से स्वावलंबी बन रही हैं। स्वरोजगार के माध्यम से ना केवल पारिवारिक और सामाजिक स्थिति बदल रही है बल्कि परिवार के पुरुष सदस्यों पर निर्भरता भी कम हो रही है।

loksabha election banner

जीएमसीएच में संचालित कर रही हैं कैंटीन -:

महिला समूह की महिलाएं राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में इंडोर और आउटडोर मरीजों के लिए कैंटीन का संचालन कर रही है। पिछले कई वर्षों से यहां पर महिलाएं सफलता पूर्वक कैंटीन का संचालन कर रही है। तीन सौ से अधिक भर्ती मरीजों को तीनों समय का भोजन, नाश्ता और चाय प्रदान करती हैं। दूध उत्पादन, परंपरागत खेती और सब्जी उत्पादन कर रुपये कमा रही हैं। फल व सब्जी की दुकानों भी इसमें शामिल हैं। राखी और मास्क बनाकर भी महिलाओं ने स्वरोजगार के क्षेत्र में काफी उपलब्धि हासिल की है।

कसबा में पांच परिवारों को मिला लाभ -:

सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत कसबा प्रखंड में पांच अत्यंत गरीब परिवारों को जीविका परियोजना के ग्राम संगठनों ने व्यावसायिक गतिविधियां कुछ माह पूर्व ही प्रारंभ किया। कसबा प्रखंड में पंचायत स्तर पर ग्राम संगठनों के सहायता से ऐसे परिवारों को इस योजना के अंतर्गत चिन्हित किया जा रहा है। जिसमें सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत घोड़दौड़ पंचायत के मोहली टोल में शिव जीविका महिला ग्राम संगठन के सहयोग से मानकी देवी की किराना दुकान, सिमरिया में गणेश जीविका महिला ग्राम संगठन के सहयोग से किरण देवी की सब्जी दुकान, नवोदय रैहका टोला में गंगा जीविका महिला ग्राम संगठन के सहयोग से मसोमात रुबेदा की फेरीवाला रेडीमेड दुकान, नवोदय रैहका टोला में सूरज जीविका महिला ग्राम संगठन के सहयोग से अफसाना खातून की रेडीमेड दुकान और मलहरिया पंचायत के जिदापुर में ख्वाजा जीविका महिला ग्राम संगठन के सहयोग से मीरा खातून की किराना दुकान प्रारंभ किया।

क्या कहते हैं अधिकारी -:

सतत जीविकोपार्जन योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके अंतर्गत समाज के अत्यंत गरीब और पिछड़े परिवार को आर्थिक मदद देकर रोजगार प्रारंभ कराने से लेकर संचालन तक में मदद दी जाती है।

सुनिर्मल गरेन, जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.