जानकीनगर की उपेक्षा कर रहा रेल प्रशासन
रेल विकास मंच जानकीनगर के सदस्यों ने रेल प्रशासन पर उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। मंच से जुड़े पदाधिकारियों की आयोजित बैठक में पूर्व मध्य रेलवे के पूर्णिया सहरसा रेलखंड स्थित जानकीनगर रेलवे स्टेशन पर पूर्व की भांति रेल सुविधाओं को बहाल करने की मांग की है।
संस, जानकीनगर (पूर्णिया)। रेल विकास मंच जानकीनगर के सदस्यों ने रेल प्रशासन पर उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। मंच से जुड़े पदाधिकारियों की आयोजित बैठक में पूर्व मध्य रेलवे के पूर्णिया सहरसा रेलखंड स्थित जानकीनगर रेलवे स्टेशन पर पूर्व की भांति रेल सुविधाओं को बहाल करने की मांग की है।
रेल विकास मंच के उपाध्यक्ष रामदेव सिंह ने बताया कि आमान परिवर्तन के पहले जानकीनगर रेलवे स्टेशन पर सभी एक्सप्रेस रेलगाड़ियों तथा जानकी एक्सप्रेस, हरिहरनाथ एक्सप्रेस,जीएल एक्सप्रेस, एवं कोशी एक्सप्रेस आदि रेलगाड़ियों का ठहराव था। इस सेक्सन में कटिहार, पूर्णियां, सहरसा रेलमार्ग पर चार जोड़ियों से अधिक यात्री सवारी गाड़ियों का भी परिचालन होता था । लेकिन अब सुविधाएं सिकुड़ गई हैं। नरेश यादव कहते हैं कि पहले यहां एक मालगोदाम/ गुड्स शेड भी हुआ करता था , जहां से क्षेत्रीय व्यापारी और किसान अपने उत्पादित सामग्रियों को बाहर भेजते थे और बाहर से भी सामग्रियों का आवक होता था। इन सारी सुविधाओं को रेल विभाग के उच्चाधिकारियों ने बंद कर दिया। चोपड़ा बाजार के अरूण पाठक ने कहा कि आमान परिवर्तन के उपरांत इस स्टेशन पर एक भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं होने के कारण क्षेत्रवासियों को बहुत अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बोले कि जानकीनगर रेलवे स्टेशन करीब डेढ़ लाख की आबादी का मुख्य केन्द्र है। श्याम बिहरी पाण्डेय ने कहा कि आमान परिवर्तन के बाद यात्री सवारी गाड़ियों में भी रेल प्रशासन ने कटौती कर दी है। अभी मात्र दो जोड़ी सवारी गाडी चल रही है ,जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। नंद लाल ठाकुर ने रेलवे के उच्चाधिकारियों से जनहित को देखते हुए इस स्टेशन पर आमान परिवर्तन के पूर्व की भांति रेल सुविधाओं को बहाल करने की मांग की। विजय कुमार पाण्डेय कहते हैं कि अभी मात्र दो जोड़ी यात्री सवारी गाड़ी का परिचालन हो रहा है। इस रेलखंड के यात्रियों का कहना है कि ट्रेनों की संख्या काफी कम रहने के कारण यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। यह रेलखंड उपेक्षा का जीता-जागता उदाहरण है। कब सुधरेगी इस रेलखंड की स्थिति । यह सवाल आज भी अपनी यात्रा शुरू करनेवाले यात्रियों के जेहन में कौंधता रहता है। वर्तमान समय में सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्ग महिला व पुरूष यात्रियों को होती है। उन्होंने कहा कि इस रेलखंड पर यात्रा करना एक सजा के समान है, किन्तु विकल्प नहीं रहने के वजह से यात्रा करना विवशता है। बोले चल रही डेमू सवारी गाड़ियों में बैठने की जगह मिलना तो दूर खड़े होने की भी जगह नहीं मिलती है। बहरहाल सुविधाओं के अभाव में लोग सड़क मार्ग से अधिक किराया देकर कष्टदायक यात्रा करने को लोग विवश हैं। दिन-प्रतिदिन घटती जा रही सुविधाओं एवं रेल प्रशासन की उपेक्षा के बीच आम जन हलकान हैं। अधिकारियों को भेजा गया मांगपत्र : इस संबंध में मंच के पदाधिकारियों एवं क्षेत्रवासियों द्वारा हस्ताक्षरित मांगपत्र रेल मंत्री,भारत सरकार, महाप्रबंधक, हाजीपुर एवं मंडल रेल प्रबंधक, समस्तीपुर सहित अन्य उच्चाधिकारियों को भेजा गया है। मांग पत्र में कहा गया है कि यदि क्षेत्रवासियों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।