विज्ञान प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं ने सृजनशीलता का दिया परिचय
आज के बच्चे ही कल का भविष्य हैं। बच्चे ही एक दिन होमी जहांगीर भाभा जगदीश चंद्र बसु डा. विश्वेश्वरैया अब्दुल कलाम की तरह विज्ञानी बनेंगे।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। आज के बच्चे ही कल का भविष्य हैं। बच्चे ही एक दिन होमी जहांगीर भाभा, जगदीश चंद्र बसु, डा. विश्वेश्वरैया, अब्दुल कलाम की तरह विज्ञानी बनेंगे। प्रारंभिक कक्षा से ही ज्ञान -विज्ञान के प्रति बच्चों में जागरूकता पैदा करना शिक्षकों का कर्तव्य है। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक पूर्णिया प्रमंडल चंद्रशेखर राय ने उक्त बातें स्थानीय डान बास्को स्कूल में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में शनिवार को कही। विशिष्ट अतिथि रीता सिन्हा पूर्व प्राचार्य एवं साइंस फॉर सोसाइटी पूर्णिया के जिला समन्वयक ने उपस्थित अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं के बीच विज्ञान से संबंधित नवाचार के संबंध में विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।
प्राचार्य फादर सुमन कुजूर केसरी ने आगत अतिथियों और अभिभावकों का स्वागत किया। विज्ञान प्रदर्शनी के संयोजक फादर अमल आनंद राज, शिक्षक राहुल सिन्हा, नेहा मुर्मू, दीपा रानी ने प्रदर्शनी में सफलतापूर्वक गाइड की भूमिका का निर्वहन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुआ। स्वागत गान से बच्चों ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विज्ञान प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं द्वारा पेरिस्कोप, पवन चक्की पर आधारित विद्युत संयंत्र, केले के छिलके से बनी सामग्रियां, धान की भूसी से ईंट का निर्माण, अवशिष्ट पदार्थों से बहु- उपयोगी सामग्री बनाने की कला, सेंसर पर आधारित वाहन संयंत्र और कोविड से संबंधित विभिन्न प्रकार के विज्ञान उपकरण छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शित किया। बच्चों ने बनाए गए उपकरण से अभिभावकों भी काफी उत्साहित थे। विज्ञान प्रदर्शनी के निर्णायक मंडल में ऊर्सलाइन कान्वेंट इंग्लिश मीडियम, पूर्णिया सिटी की सिस्टर बेला, विज्ञान शिक्षक राजेश कुमार सिंह, विमल हृदय विद्यालय की प्राचार्य, जीनी मेरी, डान बास्को विद्यालय के प्रशासक फादर जान से बेस्तियन और फादर एंटोनी कुरियन की अहम भूमिका रही।