पोषण चौपाल मे होगी बच्चों को सेहतमंद बनाने की चर्चा
कुपोषण अभी जिले की प्रमुख समस्या है। इस कारण से जिले में बड़ी संख्या बच्चे सामान्य रूप से मानसिक और शारीरिक विकास नहीं हासिल कर पाते हैं। पोषण चौपाल अब ऐसे बच्चों के लिए माता-पिता को जागरूक बनाने का साधन बनेगा।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। कुपोषण अभी जिले की प्रमुख समस्या है। इस कारण से जिले में बड़ी संख्या बच्चे सामान्य रूप से मानसिक और शारीरिक विकास नहीं हासिल कर पाते हैं। पोषण चौपाल अब ऐसे बच्चों के लिए माता-पिता को जागरूक बनाने का साधन बनेगा।
जिला स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ द्वारा पोषण चौपाल का आयोजन किया गया। केनगर प्रखंड के काझा पंचायत में पोषण चौपाल का आयोजन हुआ। इस चौपाल में स्वास्थ्य विभाग ने महिलाओं और बच्चों समुचित पोषण की जानकारी दी गई। आयोजित चौपाल में स्थानीय लोगों को गर्भावस्था के समय उचित पौष्टिक भोजन मिलना चाहिए। नवजात शिशुओं को पहले छह महीने तक केवल स्तनपान करना चाहिए। उसके बाहरी आहार पर्याप्त मात्रा में देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों के पोषण स्थिति में जागरूकता के लिए केनगर प्रखंड में यूनिसेफ द्वारा सी-मैम कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है।
गर्भवती महिलाओं का रखना होगा ख्याल -:
स्वस्थ बच्चे के लिए गर्भवती महिलाओं को अपना ख्याल रखना आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं को उचित पोषाहार का उपयोग करना चाहिए। इस दौरान महिलाओं को खाने में संतुलन की आवश्यकता है। गर्भवती महिलाओं को भोजन में अनाज, दाल, दूध, हरी सब्जियां, ताजे फल, मांस, मछली, अंडे, चिकन, चिनिया बादाम, काजू आदि लेना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन खाने में आयरन और फालिक एसिड का सही मात्रा में लेना आवश्यक है।
पहले 1000 दिन में आवश्यक पोषण आवश्यक :
पहले 1000 दिन के दौरान मिलने वाले पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दौरान बच्चों को सभी तरह के पौष्टिक आहार का सेवन कराना चाहिए। केनगर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. पंकज कुमार ने कहा कि बच्चों के सुरक्षित प्रसव के लिए समय से अस्पताल में पहुंचना आवश्यक है। प्रशिक्षित नर्स और एएनएम की उपस्थिति में सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। संस्थागत प्रसव कराने से मां और होने वाले बच्चे को किसी भी तरह की समस्या होने पर इसका तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जाता है। मां और बच्चा सुरक्षित होते हैं। इसके लिए स्थानीय स्तर पर लोग आशा, आंगनबाड़ी सेविकाओं से जानकारी ले सकते हैं। पोषण का उपयोग करने से ही मां और बच्चे स्वस्थ्य रहेंगे।
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