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सावन की पहली सोमवारी को मंदिर में श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

पूर्णिया। आस्था के आगे सरकारी बंदिशें फीकी होकर रह गई है। 26 अगस्त को सावन की प्रथम सोमवारी के दिन कुछ ऐसा ही नजारा अनुमंडल मुख्यालय से सटे ग्राम धीमा स्थित बाबा धीमेश्वर नाथ महादेव मंदिर में देखा गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 12:02 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 12:02 AM (IST)
सावन की पहली सोमवारी को मंदिर में श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना
सावन की पहली सोमवारी को मंदिर में श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

पूर्णिया। आस्था के आगे सरकारी बंदिशें फीकी होकर रह गई है। 26 अगस्त को सावन की प्रथम सोमवारी के दिन कुछ ऐसा ही नजारा अनुमंडल मुख्यालय से सटे ग्राम धीमा स्थित बाबा धीमेश्वर नाथ महादेव मंदिर में देखा गया है। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण वर्तमान समय में आमलोगों के लिए सरकारी आदेशानुसार मंदिर बंद रखे गए हैं लेकिन, प्रथम सोमवारी के दिन सुबह से ही बाबा धीमेश्वर नाथ महादेव के आपरूपी सुंदर शिवलिग पर जलाभिषेक करने व बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग मंदिर परिसर पहुंचते रहे । मंदिर का मुख्य द्वार बंद रहने तथा मंदिर परिसर में सुरक्षा का व्यापक प्रबंध रहने के बावजूद शिवभक्तों का जत्था मंदिर आता रहा तथा बाबा के द्वार पर ही जलाभिषेक कर बाबा के जयकारे लगाते रहे। मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के दुकान लगाने पर भी पाबंदी रहने के कारण छोटे छोटे दुकानदार सड़क किनारे अपनी दुकान लगाए रहे । बाबा धीमेश्वर नाथ महादेव के प्रति लोगों की आस्था देख ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मी भी लोगों से कुछ कहने में परहेज करते रहे तथा मंदिर लोगों के आस्था एवं विश्वास का मुख्य केंद्र बना रहा। श्रीनगर : सावन की पहली सोमवारी के मौके पर क्षेत्र के विभिन्न शिव मंदिरों में बाबा भोले को जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का दिन भर तांता लगा रहा। हर-हर महादेव, हर-हर भोले, बोल बम के नारों से मंदिर परिसर गुंजायमान होता रहा। श्रीनगर, बाबा खतेश्वरनाथ मंदिर खत्ताहाट, जगैली, झुन्नीकला चौक, फरियानी सहित विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी हुई थी। पहली सोमवारी को लेकर पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की काफी तादाद देखी गई। मंदिर में स्थानीय मुखिया के द्वारा मंदिर परिसर में आनेवाला शिव भक्तों के लिए शीतल पेय का इंतजाम किया गया था। डगरूआ : प्रखंड के विभिन्न शिवालयों में सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धापूर्वक जलाभिषेक किया गया। ज्ञात हो कि सावन माह में सावन की सोमवारी का विशेष महत्व देख श्रद्वालू सुवह स्नान कर डाला में बेलपत्र, भांगपत्र , फल, फुल , गंगाजल आदि लेकर नजदीक के शिवालय पहुंच, शिवलिग पर बेलपत्र ,भांगपत्र, फल ,फुल आदि चढ़ाकर जलाभिषेक कर पूजा अर्चना किया। बैसा के अनुसार: शिवालयों में हर-हर महादेव, जय ओम शिवकारा की गूंज सुनाई दी। वहीं शिव मंदिरों के साथ अन्य मंदिरों पर भी दिनभर भक्तों को तांता लगा रहा। गौरतलब है कि सावन माह के पहले सोमवार दिन शिवलिगों का दूध, जल से अभिषेक किया गया। शिवलिगों को पुष्प, बेल पत्र, आंक, धतूरे से सजाकर महाआरती की गई। सरसी : शिव मंदिरों में श्रावण मास की पहली सोमवारी को स्थानीय श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से शिवलिग की पूजा अर्चना की। श्रद्धालु अपने क्षेत्र में स्थित शिव मंदिर में जा कर पूजा अर्चना की। इस अवसर पर अनेकों श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर शिवलिग पर बेलपत्र, दूध इत्यादि चढ़ाते हुए शारीरिक दूरी का पालन करते हुए जलाभिषेक किया। केनगर : श्रावण मास के पहली सोमवारी को प्रखंड क्षेत्र के शिवालयों में बम-बम भोले के नारों से गूंज उठा। यद्यपि प्रखंड क्षेत्र के भीड़-भाड़ वाले शिवालयों में मंदिर कमिटी द्वारा बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी। कमिटी द्वारा दस-दस श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे रहे थे।

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