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आधी आवादी अभी भी शिक्षा से महरूम, नहीं है डिग्री महाविद्यालय, बनेगा चुनावी मुदा

पूर्णिया। कुर्सी के चक्कर में नेता अगडी-पिछडी का वोट पाने में हमेशा ही लगे रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 05:58 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 05:58 PM (IST)
आधी आवादी अभी भी शिक्षा से महरूम, नहीं है डिग्री महाविद्यालय, बनेगा चुनावी मुदा

पूर्णिया। कुर्सी के चक्कर में नेता अगडी-पिछडी का वोट पाने में हमेशा ही लगे रहते हैं।, परंतु जिस शिक्षा के लक्ष्य को पाकर इन सभी कुरीतियों को खत्म किया जा सकता है, उसके लिए कभी किसी भी नेता या सांसद या विधायक ने अपनी नजरें इनायत नहीं की । तीन जिलों कटिहार, मधेपुरा एवं भागलपुर की सीमा को छूनेवाले इस विधानसभा क्षेत्र में 72 साल बाद भी एक भी डिग्री महाविद्यालय नहीं खुल पाया। दुर्भाग्य कहें कि प्रखंड क्षेत्र में समुचित रूप से प्लस टू की भी पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है। साम‌र्थ्यवान छात्र तो किसी प्रकार बाहर जाकर डिग्री कॉलेज में नाम लिखा लेते हैं, परंतु इसका खामियाजा यहां के गरीब तबके के विद्यार्थियों एवं लड़कियों को भुगतना पड़ता है। इनकी पढ़ाई लगभग बंद हो जाती है। इसके लिए किसी ने भी कभी प्रयास नहीं किया। आजादी से लेकर वर्तमान तक सभी विधायक, एमपी से लोगों ने गुहार लगाई, ताकि यहां के बच्चों को उच्च शिक्षा मिल सके। सभी नेता अपना वोट बैंक बनाने में लगे रहे। पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार टीकापटी आए, मुखिया शांति देवी सहित ग्रामीणों ने कॉलेज के लिए जमीन भी उपलब्ध कराया, परंतु उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।

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यह भी बता दें कि यहां का मोहनपुर क्षेत्र पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित है तथा यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है। यहां के बच्चों का प्राथमिक शिक्षा भी आधी-अधूरी ही है। क्षेत्र में आवागमन की मूलभूत समस्या को लेकर बच्चों की पढ़ाई कक्षा एक से ही बाधित हो जाती है ।

टीकापटी हाई स्कूल परिसर में जमीन, जहां डिग्री कॉलेज की स्थापना हो सकती है- टीकापटी हाई स्कूल एक ऐसी जगह है, जहां डिग्री कॉलेज के लिए पर्याप्त जमीन है, जहां इसे खोला जा सकता है। वशर्ते कि यहां के नेताओं का जमीर जगे तथा इसके लिए वे दिल से इसके लिए प्रयास करें अन्यथा यहां के लोग तो जानते ही हैं कि नेता कभी भी लोगों को शिक्षित नहीं होने देना चाहते। उन्हें हिदू-मुस्लिम, अगड़ी-पिछड़ी की लडृाई में उलझाकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर सकें । देखें कब यहां के बच्चों के लिए डिग्री कॉलेज की स्थापना हो पाती है ।

कहती हैं टीकापट्टी गांव तथा प्रखंड की मैट्रिक टॉपर नेहा कुमारी- उसने मैट्रिक तो कर लिया तथा गांव में ही इंटर की पढ़ाई कर लेंगी, परंतु सबसे बड़ी समस्या है कि डिग्री की पढ़ाई वह कहां करेगी । अभिभावकों को इतने पैसे नहीं हैं कि सभी बच्चों को बाहर भेजकर पढ़ाया जा सके । उदाहरण है कि उसकी बहन भागलपुर से डिग्री की पढ़ाई कर रही है, उसे पढ़ाने में क्या परेशानी है,वह समझ रही है, अगर डिग्री कॉलेज यहां खुल जाए, तो निश्चित ही गरीबों के लिए मील का पत्थर साबित होगा । कहते हैं पंचायत समिति सदस्य राजेश तिवारी- वे लोग बचपन से सुनते आ रहे हैं कि रूपौली में भी डिग्री कॉलेज खुलेगा, परंतु आजतक नहीं खुला । अब तो लगता है उच्च शिक्षा लेना सपना ही रह जाएगा । गांव की बच्चियां कैसे पढ़ पाएंगी । कुछ इसी कारण ग्रामीण क्षेत्र में गरीब अभिभावक पढ़ाई खत्म होने के बाद अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में ही कर देते हैं । कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता कालेश्वर मंडल- कटिहार एवं पूर्णिया छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र में कहीं भी डिग्री की शिक्षा की व्यवस्था नहीं है, ताकि लडकियां पढ़ सकें । इंटर के बाद प्राय: लडकियों की ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाई बंद ही हो जाती है । कहती हैं टीकापटी की मुखिया शांति देवी- वह स्वयं पीड़ित हैं तथा वह नहीं पढ़ पाई हैं । इसके लिए वह बेटियों की शिक्षा के लिए अभियान चलाएंगी, ताकि यहां डिग्री कॉलेज खुल सके । यहां हाई स्कूल में काफी जमीन है, यहां डिग्री कॉलेज खुल ही सकता है । वह भले ही 21 वीं सदी में हैं, परंतु शिक्षा के नाम पर अभी भी यहां की लडकियां काफी पिछड़ी हैं । कहते हैं सामाजिक कार्यकत्र्ता शमशेर सिंह- ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा की बदहाली शुरू से ही है । दूर्भाग्य है कि उनके अकबरपुर क्षेत्र में डिगी कॉलेज की बात तो सपना ही है । नतीजा सामने हैं यहां की बेटियां हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद नहीं पढ़ पाती हैं । कहते हैं मोहनपुर क्षेत्र के गौतम गुप्ता- यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित है, जहां शिक्षा की सुविधाएं काफी लचर है, समुचित रूप से यहां प्लस टू की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है । रास्ता दुरूह होने के साथ-साथ यहां के बच्चे अभी भी समुचित शिक्षा नहीं मिल पा रही है । कहती हैं सरपंच उषा देवी- जबतक लोग शिक्षित नहीं होंगे, तब-तक यहां की समस्या खत्म नहीं होगी । परंतु दूर्भाग्य कि यह समस्या यहां मुंह बाए खडी है । यहां लड़की कौन कहे, लड़के भी अभी इंटर की पढ़ाई से वंचित रह जा रहे हैं । जबकि यहां जमीन की कोई कमी नहीं है, किसी भी हाई स्कूल में डिग्री कॉलेज खुल सकता है । कहते हैं विनोद कुमार केशरी- मुख्यालय में डिग्री कॉलेज खोला जा सकता है । हाई स्कूल में जगह की कमी नहीं है, परंतु आजतक इसके लिए कोई उपाए नहीं किए गए । सभी जनप्रतिनिधि वोट की राजनीति करते रहे, लोगों को मूर्ख बना कर रखना ही उनकी नियति बन गई है ।


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