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बीएसएनएल कर्मियों के वीआरएस से सेवाएं होगी बाधित

पूर्णिया। कनेक्टिंग इंडिया टैगलाइन के साथ देशवासियों को विशाल सूचना तंत्र मुहैया कराने वाला ब

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 09:15 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 09:15 PM (IST)
बीएसएनएल कर्मियों के वीआरएस से सेवाएं होगी बाधित
बीएसएनएल कर्मियों के वीआरएस से सेवाएं होगी बाधित

पूर्णिया। कनेक्टिंग इंडिया टैगलाइन के साथ देशवासियों को विशाल सूचना तंत्र मुहैया कराने वाला बीएसएनएल (भारत दूर संचार निगम लिमिटेड) अपने ही कर्मचारियों को जोड़कर रखने में असफल साबित हो रहा है।

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विभाग के स्कीम के तहत बीएसएनएल कर्मी वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृति) ले रहे हैं। इसका सीधा-सीधा असर बीएसएनएल द्वारा मुहैया हो रहे सेवा पर पड़ेगा। ऐसे में पहले से ही दयनीय हालत में चल रहे बीएसएनएल की सेवाएं कमजोर एवं बाधित होने की आशंकाएं जताई जा रही है। बताते चलें कि कटिहार डिवीजन के 91 बीएसएनएल कर्मी वीआरएस लिया है। इसमें से पूर्णिया जिले के 20 लाइन मेन कर्मी हैं जो लाइन मेन उपभोक्ताओं को सेवा मुहैया कराने में तत्पर रहते थे। हालांकि बीएसएनएल स्कीम के तहत वीआरएस पर गए कर्मियों को धूमधाम से विदाई दी गई है। इससे एक ओर जहां बीएसएनएल राहत भरी सांस लेगी वहीं उपभोक्ताओं के लिए बेहतर सेवा संबंधित समस्या खड़ी होगी। आखिर सेवानिवृत हुए इन कर्मियों द्वारा किए जा रहे कामकाज की भरपाई अब कैसे होगी। इसका सीधा खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा। हालांकि बीएसएनएल के अधिकारी तत्काल वैकल्पिक कर्मियों की व्यवस्था की बात कह रहे हैं लेकिन यह व्यवस्था कब होगी यह स्पष्ट नहीं है। जानकारी के अनुसार वर्षो से घाटे में चल रहे बीएसएनएल 50 वर्ष पार कर चुके कर्मियों को वीआरएस के लिए आवेदन देने का स्कीम लाया था। ताकि कर्मियों की संख्या को कम कर बीएसएनएल घाटे से उबर सके।

तकनीकी समस्या को दूर करने में उत्पन्न होगी बाधा::

जिले के बीएसएनएल कर्मियों के वीआरएस में से सभी 20 कर्मी लाइन मेन हैं। अधिकारी बताते हैं कि 20 कर्मियों के वीआरएस लेने से अब 11 लाइन मेन बचे हैं। इसमें दो शहरी क्षेत्र में और नौ ग्रामीण क्षेत्र में हैं। आधे लाइन मेन के वीआरएस पर जाने से तकनीकी समस्या को दूर करने में परेशानी उत्पन्न होगी। बताया जाता है कि इससे बीएसएनएल लैंडलाइन और ब्रॉडबेंड सेवा पर अधिक असर पड़ेगा। कर्मी की कमी के कारण उपभोक्ताओं की परेशानी का समाधान जल्द से जल्द नहीं हो पाएगा। बताया जाता है कि जिले में 18 सौ लैंडलाइन कनेक्शन अभी है। इनमें से अधिकांश कनेक्शन में प्रतिदिन कहीं ना कहीं समस्या उत्पन्न होती है। इसे दूर करने में लाइन मेन की आवश्यकता होती है। वहीं मोबाइल टावर संबंधित खराबी को दूर करने में भी कर्मी की कमी महसूस की जाएगी। इससे उपभोक्ताओं को सुचारू सेवा उपलब्ध कराने में बीएसएनएल अन्य निजी कंपनियों से और पीछे हो जाएगी।

कोट के लिए:-

वीआरएस लिए कर्मियों के जगह वैकल्पिक व्यवस्था कर कर्मियों को रखकर काम कराया जाएगा। विभाग का आदेश आते ही कर्मियों को रखने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

आरएस वर्मा, बीएसएनएल जीएम कटिहार


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