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Purnia News: पूर्णिया में कोई राम-राम तो कोई प्रणाम कह निकल गए, इस बार जाति के ठेकेदार भी खा जाएंगे गच्चा

Purnia News Today बिहार में दूसरे चरण का मतदान समाप्त हो चुका है। इस चरण में सबसे चर्चित सीट कोई रही तो वह है पूर्णिया की लोकसभा सीट जहां वोटरों का अलग अंदाज दिखा। यहां वोटर कोई राम-राम तो कोई प्रणाम करता दिखा। अब अंतिम परिणाम से ही पता चल पाएगा कि वोटरों ने किसके पक्ष में मतदान किया है।

By Prakash Vatsa Edited By: Sanjeev Kumar Published: Sat, 27 Apr 2024 10:59 AM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2024 10:59 AM (IST)
बीमा भारती, संतोष कुशवाहा और पप्पू यादव (जागरण)

प्रकाश वत्स, पूर्णिया। Bihar Election 2024: आसमान से बरस रही आग के बीच भी चुनावी महापर्व का रंग कतई फीका नहीं रहा। तमाम आशंकाओं को झुठलाते हुए मतदाताओं ने पूरे मन से इवीएम का बटन दबाया और

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इसका भरपूर आनंद भी लिया। युवा, बुजुर्ग, महिलाएं सहित अन्य लोगों ने बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लिया। शहर से लेकर गांव तक चुनावी महापर्व का रंग पूरी तरह अनूठा रहा। कड़ाके की धूप के बावजूद छांव में मतदाताओं की चौकड़ी जमी रही और लोग मतदान केंद्र से बाहर आने वाले से उनका वोट किधर गया, यह जानने को भी उत्सुक रहे।

जिस बूथ पर फाइट कड़ा था, वहां इस पर ज्यादा आनंद भी था। अच्छी बात थी कि माहौल में कहीं तल्खी नहीं थी। बात इशारों में हो रही थी। राम-राम या फिर प्रणाम कह, मुस्कराते हुए लोग निकल जाते थे। यह जरुर था कि लालटेन वाला संकेत कम मिल रहा था।

पप्पू यादव और एनडीए की तरफ लग रहा था संकेत

समझने वाले हर बात को समझ जाते थे। राम-राम का सामान्य अर्थ पीएम मोदी व एनडीए से था। राम-राम का एक दूसरा अर्थ भी निकल रहा था। जिनको वे वोट करते आ रहे थे या जिनके समर्थक थे, उन्हें राम-राम कह दिए हैं और वोट किसी और में कर दिया है। दूसरी तरफ प्रणाम से सामान्य अर्थ था कि वोट निर्दलीय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) के तरफ गया है।

पप्पू यादव ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत प्रणाम पूर्णिया से किया था। चौकड़ी में इसका भी एक अन्य अर्थ निकल रहा था कि प्रणाम को प्रणाम करने की बात कह रहा था, इसका मतलब वोट दूसरे को दिया है। इस बीच सामान्य बात यह रही कि लालटेन वाले संकेत कम स्थानों पर ही मिले। पूर्णिया सिटी के बूथ पर वोट डालने पहुंचे युवा आदित सहनी ने कहा कि इधर तो लालटेन तो बस भुक-भुक कर रहा है। इधर इक्के-दुक्के वोट ही लालटेन में पड़े हैं। लड़ाई आमने-सामने की हो गई है।

क्या कहा वोटरों ने

मधुबनी बाजार में वोट डालकर निकले 70 वर्षीय रमेश यादव, आपका वोट किधर गया के जबाब में कहा कि अबकी दिल की बात दिल ही जाने वाली स्थिति है। यह तय है कि लड़ाई अबकी आर-पार की हो गई है। इस बार के चुनाव में जाति के ठेकेदार भी गच्चा खा जाएंगे। मुकाबला दिलचस्प होगा। सिपाही टोला के जगदंबा स्कूल में लाठी टेक वोट डालने पहुंची विंदेश्वरी देवी को इस बात की खुशी थी कि अपना वोट पसंदीदा उम्मीदवार को दे दिया।

80 वर्षीय बिंदेश्वरी देवी ने कहा कि उनको पसंदीदा छाप नहीं मिल रहा था, उसने वहां मौजूद एक मतदान कर्मी से ही छाप वाला नंबर पूछ लिया। उन्होंने कहा कि वोट उसने किधर दिया, यह अपने घर में भी नहीं बताएगी। पूर्णिया के चिमनी बाजार में लगभग नौ बजे मतदान केंद्र के आसपास वृक्ष की छांव में जमे युवाओं की टोली में अलग ही उत्साह था। उनका कहना था कि परिणाम जो लेकिन ज्यादा से ज्यादा लोग वोट करें, इस प्रयास में वे लोग जुटे हुए हैं। सलाम ने कहा कि अबकी पूर्णिया एक नया इतिहास बनाएगा।

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