बिहार में शराबबंदी का यह असर जान चौंक जाएंगे आप, 2019 में NH पर ड्रंक ड्राइविंग से एक भी दुर्घटना नहीं
बिहार में शराबबंदी का असर देखिए कि यह अकेला राज्य है जहां साल 2019 में एनएच पर शराब पी कर गाड़ी चलाने से एक भी दुर्घटना नही हुई। राज्यसभा में पेश रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ।
पटना, जेएनएन। राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर न तो दुर्घटनाएं (Road Accidents) नई हैं, न ही शराब पीकर वाहन चलाना (drunk Driving), लेकिन शराब पीकर वाहन चलाने के कारण सड़क दुर्घटना को लेकर बिहार की यह रिपोर्ट आपको आश्चर्य में डाल देगी। बीते साल राज्य में राष्ट्रीय उच्च पथों हुई दुर्घटनाओं में एक भी शराब पीकर गाड़ी चलाने कारण नहीं हुई। इसकी रिपोर्ट केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में राज्यसभा में पेश किया है।
बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी
विदित हो कि बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban) लागू है। राज्य में शराबबंदी के बाद शराब की तस्करी के मामले भले ही सामाने आते रहे हैं, लेकिन शराब पीने के मामले घटे हैं। इसका असर शराब पीकर वाहन चलाने पर भी पड़ा है। इसी के कारण राष्ट्रीय उच्च पथ पर शराब पीकर सड़क दुर्घटना का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
बिहार के बाद प. बंगाल दूसरे स्थान पर
राज्यसभा में पेश केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 5300 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। इसके बावजूद साल 2019 में इनपर शराब पीकर वाहन चलाने के कारण एक भी दुर्घटना नहीं हुई। इस मामले में दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल रहा, जहां के 3600 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग पर साल 2019 में आठ दुर्घटनाएं हुईं। देश में सवार्धिक राष्ट्रीय राजमार्ग महाराष्ट्र में है, जहां 258 दुर्घटनाएं हुईं।
पड़ोसी यूपी में 4496 सड़क दुर्घटनाएं
शराब पीकर वाह चलाने के कारण सड़क दुर्घटनाओं के मामले असम, पंजाब, ओडिशा, हरियाणा और झारखंड जैसे छोटे राज्यों सहित देश के नौ प्रदेश बिहार से ऊपर रहे। रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 में शराब पीकर वाहन चलाने के कारण असम में 279, हरियाणा में 299, झारखड़ में 686, मध्य प्रदेश में 1030, ओडिशा में 1068, पंजाब में 1290, तमिलनाडु में 1047 तथा उत्तर प्रदेश (UP) में 4496 सड़क दुर्घटनाएं हुईं।
2019 में बिहार में 10007 सड़क दुर्घटनाएं
रिपोर्ट के अनुसार 2019 में बिहार में कुल 10007 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। देश में इस साल सड़क दुर्घटनाओं में 35 फीसद की कमी हुई है। जनवरी से जून के बीच 1.6 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जो कि पिछले छह साल के औसत से 35 फीसद कम हैं। सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या में भी 30 फीसद की कमी दर्ज की गई है।