ग्रामीण इलाकों में बैंक लोन से भी खरीद सकेंगे एंबुलेंस, दो लाख रुपये तक अनुदान देगी बिहार सरकार
ग्रामीण इलाकों में एंबुलेंस खरीद के लिए 1020 लाभुकों का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत चुने गए जिन लाभुकों के पास खरीद की राशि नहीं है वे बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान से कर्ज लेकर भी एंबुलेंस खरीद सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना : मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में एंबुलेंस खरीद के लिए 1,020 लाभुकों का चयन किया गया है। इस योजना के तहत चुने गए जिन लाभुकों के पास खरीद की राशि नहीं है, वे बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान से कर्ज लेकर भी एंबुलेंस खरीद सकते हैं। इस खरीद पर भी राज्य सरकार नियमानुसार 50 फीसद या अधिकतम दो लाख रुपये तक अनुदान देगी।
लाभुक अपनी इच्छानुसार किसी भी मान्यता प्राप्त बैंक से कर्ज ले सकते हैं। परिवहन विभाग ने एंबुलेंस खरीद पर दिए जाने वाले अनुदान की प्रक्रिया समझाते हुए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 21 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है।
डीटीओ के यहां देना होगा आवेदन
सबसे पहले जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) चयनित लाभुकों के साथ बैठक कर जानकारी देंगे। अनुमंडलीय समिति से स्वीकृति पत्र प्राप्त लाभुक अपनी स्वेच्छा से निर्धारित माडल का कोटेशन अधिकृत डीलर से प्राप्त कर डीटीओ के पास आवेदन करेंगे। अगर कर्ज लिया गया है, तो बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान का सहमति पत्र भी जरूरी होगा। डीटीओ कागजात की जांच कर बीडीओ को उपलब्ध कराएंगे। बीडीओ की जांच में सभी कागजात सही पाए जाने पर अनुदान की राशि लाभुक के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
देना होगा स्वघोषणा पत्र
बैंक से कर्ज की स्थिति में बीडीओ लाभुक से इस आशय का स्वघोषणा पत्र लेंगे कि सरकारी अनुदान की राशि लाभुक के खाते से बैंक के खाते में ट्रांसफर का अधिकार संबंधित बैंक का होगा। यदि किसी मामले में लाभुक के द्वारा वाहन की डिलीवरी नहीं ली जाती है, तो वित्त पोषक संस्था या लाभुक के द्वारा अनुदान की राशि सरकार को वापस की जाएगी।
सभी एंबुलेंस होंगे आक्सीजन युक्त
परिवहन विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत खरीदे जाने वाले सभी एंबुलेंस आक्सीजन युक्त होंगे। इसके साथ उसमें सामान्य चिकित्सा सुविधा भी होगी। योजना के तहत हर प्रखंड से दो लाभार्थी का चयन होना है, जिसमें एक अनुसूचित जाति व एक अत्यंत पिछड़ा वर्ग से होगा। परिवहन विभाग के सचिव का निर्देश है कि आवेदन के सात दिनों के अंदर अनुदान की राशि लाभुक के खाते में डाल दी जाए।