बारिश के पानी में सड़ गए 4 करोड़ के Fruit, फल मंडी को जलजमाव ने लगाया 12 करोड़ का चूना Patna News
प्रदेश सहित राजधानी में भारी बारिश ने जब कहर कम किया तो इसके नुकसान सामने आने लगे। पटना की फलमंडी को जलजमाव से करीब 12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पटना, जेएनएन। दुर्गापूजा पर जबर्दस्त बिक्री और मोटे मुनाफे का व्यापारियों का सपना चकनाचूर हो गया है। बाजार समिति की थोक फल मंडी के फल विक्रेताओं की इस बार कमर ही टूट गई है। कारण बना बारिश से हुआ जलजमाव। मंडी में छह से आठ फीट पानी जमा हो जाने और कई दिनों तक इसके रुके रहने से लगभग चार करोड़ रुपये के फल तो दुकानों में ही रखे-रखे सड़ गए। साथ ही करीब आठ करोड़ रुपये की बिक्री भी प्रभावित हुई। कुल मिलाकर व्यापारियों को भारी बारिश से 12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अब आंशिक रूप से खराब हो रहे फलों की नीलामी कराई जा रही है।
केला, सेब व अनार को सबसे ज्यादा नुकसान
सडऩे वाले फलों में केला, सेब और अनार को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बाजार समिति फल व्यवसायी संघ के महासचिव शशिकांत ने बताया कि इन्हीं फलों की सबसे ज्यादा बिक्री दुर्गा पूजा के अवसर पर होती है। इसलिए इन फलों की आमद सर्वाधिक थी। अधिकांश फल सड़ गए क्योंकि दुकानों में पानी घुस गया था। उन्हें निकालने और रखने की जगह नहीं थी।
शेष फलों की हो रही नीलामी
फलों का कुछ हिस्सा जो ऊपर था, वह आंशिक रूप से खराब हुआ है। ऐसे फलों की नीलामी कर बिक्री कर कुछ पूंजी छुड़ाने की कोशिश फिलहाल चल रही है। शशिकांत ने कहा, मुनाफा तो होना नहीं है, नुकसान के साथ कुछ पूंजी ही निकल जाए तो अब बड़ी बात है।
अनलोड नहीं हो सके फल
सेब, केला, अनार, मुसम्मी सहित कई फलों के ट्रक मंडी तक तो पहुंचे लेकिन उन्हें गाडिय़ों से अनलोड नहीं किया जा सका। करीब 25 ट्रक मंडी में भारी बारिश के बीच खड़े रहे। दरअसल, मंडी में सूखी जगह ही नहीं थी, जहां फलों को उतारा जा सके। मंडी के व्यवसायी राकेश यादव ने कहा, बाद में छोटी गाडिय़ों पर ट्रक से फलों को उतार जिलों में भेज दिया गया। इसमें भी जो फल पानी में गिरे, वे बर्बाद ही हो गए। मंडी में अभी गंदे पानी में फल तैर रहे हैं।
संघ ने की ऊंचा प्लेटफॉर्म बनवाने की मांग
संघ ने सरकार से गुहार लगाई है कि बाजार समिति में ऊंचे प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जाए, जिससे बरसात में भी फलों को ट्रक से उतारा जा सके। फल मंडी के व्यवसायी इंदू मेहता ने कहा कि प्लेटफॉर्म की भी कमी है, इनकी संख्या में वृद्धि करने की जरूरत है। पंप हाउस का भी यहां निर्माण होना चाहिए । रामपुर और मैकडोनाल्ड चौराहे से मंडी में प्रवेश का रास्ता है, दोनों रास्तों में जलनिकासी भी व्यवस्था भी जरूरी है।