World AIDS Day: बिहार में एड्स का कसता जा रहा शिकंजा, पांच साल में दोगुने हुए एचआइवी संक्रमित
विश्व एड्स दिवस पर विशेष एचआइवी संक्रमितों में से 40 फीसद की उम्र 18 से 28 वर्ष पटना में दूसरे जिलों की अपेक्षा दोगुना पीड़ित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक जांच सुविधा को माना जा रहा संख्या बढ़ने का कारण इंजेक्टबल ड्रग्स से बढ़ी समस्या।
पटना, जेएनएन। प्रदेश में एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस) का शिकंजा कसता जा रहा है। पांच साल में इस रोग (HIV) के पीड़ितों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। किसी भी अन्य जिले से दोगुने संक्रमितों के साथ पटना पहले स्थान पर है। इसके बाद मधेपुरा (Madhepura), सुपौल (Supaul), पूॢर्णिया (Purnia), बांका (Banka), सहरसा (Saharasa), नवादा (Nawada), बांका (Banka) जैसे उन 12 जिलों का स्थान है, जहां के लोग रोजगार (employment) के लिए दूसरे राज्यों में ज्यादा (Migration for Job) जाते हैं।
युवाओं में रोमांच का बढ़ता क्रेज बढ़ा रहा खतरा
राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी (Bihar State Aids Cantrol Society) के संयुक्त निदेशक आइएएस मनोज कुमार सिन्हा 2016 में 29 हजार 715 से 2020 में संक्रमितों (Infected patient) की संख्या 60 हजार 544 होने का कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (Primary Health Center, PHC) तक जांच (Testing) सुविधा को मानते हैं। वहीं युवाओं (Youth) में संक्रमण का बड़ा कारण जानकारी का अभाव, इस अवस्था में अधिक ऊर्जा के संचार, कुछ रोमांचकारी करने का पागलपन और इंजेक्टेबल ड्रग्स (Injectable Drugs) को मानते हैं।
महिलाएं और बच्चे भी खतरे में
एड्स कंट्रोल सोसाइटी के जांच अभियान में 32.48 लाख गर्भवती महिलाओं में से 689 एचआइवी पॉजिटिव मिली हैं। वहीं 6.94 लाख अन्य आशंकितों में से 11 हजार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
संक्रमण के कारक
- 94 फीसद असुरक्षित यौन संबंध से
- 03 फीसद संक्रमित माता से बच्चों में
- 0.1 फीसद संक्रमित खून से
- 0.9 फीसद संक्रमित सुई से
पीएमसीएच में चार हजार मरीजों के लिए एक डॉक्टर
बिहार नेटवर्क फॉर पीपल लिविंग विद एचआइवी-एड्स सोसाइटी के अध्यक्ष ज्ञानरंजन ने बताया कि पीएमसीएच में कई जिलों के करीब 45 सौ संक्रमित पंजीकृत हैं। इनके इलाज के लिए यहां केवल एक डॉक्टर हैं और हर दिन करीब तीन से चार सौ लोग इलाज के लिए आते हैं। वहीं डाटा ऑपरेटर व अन्य कर्मचारियों की कमी से कई समस्याएं होती हैं। वहीं महिला संक्रमितों के इलाज के लिए पूरे प्रदेश में दरभंगा को छोड़ कर किसी एआरटी सेंटर में महिला डॉक्टर नहीं है।
आज स्वास्थ्य मंत्री सात एआरटी सेंटर का करेंगे उद्घाटन
एचआइवी संक्रमितों की जांच, उपचार समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय सात नए एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर का उद्घाटन करेंगे। मुंगेर, नालंदा, जमुई, सिवान, कैमूर, सुपौल और पूॢणया जिले में ये एआरटी सेंटर स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में एआरटी सेंटर की संख्या 27 हो गई है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री बिहार शताब्दी एड्स पीडि़त कल्याण योजना के तहत फरवरी से अक्टूबर तक कुल नौ माह की सहायता राशि 36.11 करोड़ रुपये लाभुकों के खाते में ट्रांसफर करेंगे।
कोरोना संक्रमण से सुरक्षित नहीं हैं एचआइवी संक्रमित
एचआइवी संक्रमितों व एड्स पीडि़तों का इलाज कर रहे पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल अप्रोच फॉर लिविंग (पहल) के विशेषज्ञ डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने सोमवार को एचआइवी-एड््स और कोरोना पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। डॉ. दिवाकर ने कहा कि एचआइवी संक्रमितों को भी सामान्य लोगों के ही बराबर कोरोना का खतरा है। एचआइवी की दवाओं से कोरोना का बचाव नहीं होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखने के लिए एचआइवी संक्रमित दवाओं का नियमित सेवन करते रहें।
बचाव व लक्षण
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि धीरे-धीरे वजन घटना, कमजोरी, बुखार, शरीर की ग्रंथियों में सूजन, भूख में कमी, एक माह से ज्यादा समय तक दस्त, मुंह में बार बार छाले, बार-बार बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन आदि एचआइवी के लक्षण हैं। एचआइवी से बचाव के लिए असुरक्षित यौन संबंध, प्रयोग की निडिल का इस्तेमाल नहीं करना, इंजेक्टबल ड्रग्स से बचना चाहिए।
लोकपाल करेंगे एचआइवी संक्रमितों की हर समस्या का समाधान
एचआइवी संक्रमितों या एड्स रोगियों की हर तरह की समस्याओं के समाधान को राज्य में लोकपाल (ओम्बड्समैन) की नियुक्ति कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग में रोग नियंत्रण, लोक स्वास्थ्य व पारा मेडिकल के निदेशक प्रमुख को अधिसूचित किया गया है। एचआइवी-एड्स (निवारण एवं नियंत्रण) विधेयक 2017 के तहत संक्रमितों के मानव अधिकार संरक्षण के लिए प्रदेश में लोकपाल की व्यवस्था की गई है।
यहां कर सकते हैं शिकायत
राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के संयुक्त सचिव मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि एचआइवी संक्रमित स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य सेवाओं, पारिवारिक एवं सामाजिक भेदभाव, एआरवी दवाओं या कमजोर इम्यून पावर से अन्य संक्रामक रोग के इलाज, संपत्ति, बच्चों के पोषण, शिक्षा व स्वास्थ्य के अलावा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं मिलने जैसी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। पीडि़त लोकपाल (ओम्बड्समैन) बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति , शेखपुरा , पटना 800014 पर डाक से अपनी शिकायत भेज सकते हैं। कार्रवाई के लिए घटना की तिथि, घटनास्थल, घटना का विवरण, उत्तरदायी व्यक्ति या संस्था का नाम, अपने हस्ताक्षर या अगूंठे के निशान के साथ देना अनिवार्य है।