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बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते निर्णय, इस उम्र से ऊपर के मजदूरों को फिलहाल नहीं मिलेगा काम

बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण से सरकार चिंतित है। साठ साल से अधिक उम्र के मजदूरों को फिलहाल मनरेगा में काम नहीं मिलेगा। यह निर्णय कोरोना के चलते लिया गया है। खराब सेहत वाले कम उम्र के लोगों को भी काम से अलग रखने का निर्देश दिया गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 06:10 PM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 06:10 PM (IST)
बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते निर्णय, इस उम्र से ऊपर के मजदूरों को फिलहाल नहीं मिलेगा काम
बिहार में फिलहाल 60 से ऊपर के मजदूरों को नहीं मिलेगा काम। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: साठ साल से अधिक उम्र के मजदूरों को फिलहाल मनरेगा में काम नहीं मिलेगा। यह निर्णय कोरोना के चलते लिया गया है। ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिलाधिकारी और जिला कार्यक्रम समन्वयक को कहा है कि वे मनरेगा योजना के कार्यान्वयन के दौरान कोरोना के लिए जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें। साठ साल से अधिक उम्र वालों के अलावा खराब सेहत वाले कम उम्र के लोगों को भी काम से अलग रखने का निर्देश दिया गया है। काम के दौरान मजदूरों को सरकारी खर्च पर मास्क और साबुन देने के लिए कहा गया है। इनकी खरीद मनरेगा के आकस्मिक निधि से होगी। 

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ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने सोमवार को बताया कि योजना के कार्यान्वयन के साथ-साथ मजदूरों के स्वास्थ्य की रक्षा भी सरकार की प्राथमिकता है। पिछले साल भी कोरोना संकट के दौरान इस योजना के कार्यान्वयन के लिए विभाग ने गाइडलाइन जारी किया था। उसके अच्छे नतीजे आए। किसी भी कार्य स्थल से कोरोना संक्रमण की शिकायत नहीं आई। लिहाजा, सरकार ने उस गाइडलाइन को इस बार भी जारी रखने का फैसला किया है। 

क्या उपाय किए गए

जीविका दीदियों को मनरेगा योजना में मेट की जिम्मेवारी दी गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना को छोड़ मनरेगा के सभी कार्यों में मेट की जिम्मेवारी जीविका दीदियों को दी गई है। 25 मजदूरों की टोली को देखने के लिए एक मेट की तैनाती होगी। उनका काम सिर्फ यह देखना होगा कि मजदूर कोरोना गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं या नहीं। काम के दौरान एक से दूसरे मजदूर के बीच छह फीट की दूरी को अनिवार्य बनाया गया है। जीविका दीदी पम्पलेट के जरिए मजदूरों को कोरोना से बचाव का उपाय बताएंगी। मजदूरों को मास्क की आपूर्ति भी जीविका दीदियां करेंगी। बाहर से आए श्रमिक यदि क्वारंटाइन में रहे हों तो उन्हें डाक्टर से स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र लेना होगा। उसी आधार पर काम मिलेगा। 

यह सब रखना होगा

मनरेगा के कार्य स्थल पर हाथ धोने के लिए साबुन, हैंड वाश, पेयजल एवं मास्क का इंतजाम रहेगा। इसकी जिम्मेवारी पंचायत रोजगार सेवक को दी गई है। इसके लिए उन्हें अकुशल मजदूर के बराबर भुगतान किया जाएगा। प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने बताया कि आवास निर्माण को छोड़ कर मनरेगा के अन्य कार्यों की प्रकृति इस तरह की है कि मजदूर शारीरिक दूरी बना कर काम कर सकते हैं। राज्य में मनरेगा की प्राथमिकता सूची में जल जीवन हरियाली योजना भी है। तालाब का निर्माण, उड़ाही, जल संरक्षण, बाढ़ निरोधी कार्य, निजी भूमि पर कैटल शेड आदि के निर्माण में मजदूरी आपस में दूरी बनाकर काम कर सकते हैं। 


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