ऑटो और बस न चलने से हलकान रहे पटनाइट्स, करोड़ों का कारोबार प्रभावित
वामपंथी दलों और कांग्रेस से जुड़े केंद्रीय ट्रेड यूनियन की दो दिवसीय हड़ताल के आखिरी दिन पटना में व्यापक असर दिखा। शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर जाम की स्थिति बनी रही।
पटना, जेएनएन। वामपंथी दलों और कांग्रेस से जुड़े केंद्रीय ट्रेड यूनियन की दो दिवसीय हड़ताल के आखिरी दिन भी राजधानी में व्यापक असर दिखा। ऑटो और बस नहीं चलने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। मीठापुर बस पड़ाव पर काफी बसें खड़ी रहीं। बड़ी संख्या में सड़कों पर कर्मचारी और नेताओं ने राजधानी कई स्थानों पर जाम की स्थिति बना दी। शहर के प्रमुख चौराहों पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए जाते रहे। विरोध करने वालों में विभिन्न संगठनों के लोग शामिल रहे। बाढ़ में वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने भुनेश्वरी चौक के पास NH- 31 जाम कर दिया। वहीं भाकपा माले और रसोइया संघ ने मार्च निकालकर फतुहा बाजार की दुकानें बंद कराईं।
विरोध जता रहे सीपीआइ कार्यतर्ता गांधी मैदान तो हम कार्यकर्ता चौरोहों पर बैठ गए। नरेंद्र मोदी होश में आओ के नारे लगाए जाते रहे। इधर आशा और आंगनबाड़ी सेविका भी डट गईं। डाकबंगला चौराहे पर बड़ी संख्या में एकत्रित होकर विरोध जाताया। गाना गाकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया।
यातायात हो रहा प्रभावित
ट्रेड यूनियनों के अलावा इंटक, आशा कार्यकर्ता, रसोइया संघ के लोग अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय कार्यालयों व बैंकों को बंद कराया। यातायात को भी रोका गया। आंदोलनकारियों ने पटना के डाकबंगला चौराहे को जाम कर दिया।
इलाहाबाद बैंक की सभी शाखाओं पर ताले
शहर में इलाबाबाद बैंक की सभी शाखाएं बंद हैं। इंटर भी बड़े पैपाने पर एकत्र होकर शहर की सड़कों पर विरोध जता रहा है। यूनाइटेड फोरम आफ आर आर बी यूनियन के आह्वान पर सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन्स के बारह सूत्री मांगों के समर्थन में देश के तमाम 53 ग्रामीण बैंकों की 22000 शाखाओं तथा प्रशासनिक कार्यालयों के 90000 अधिकारी व कर्मचारी आज हड़ताल पर हैं।