Bihar Covid Alert: क्या बिहार में कोविड की दूसरी लहर से भी खतरनाक होगी तीसरी लहर, एम्स,पटना के डॉक्टरों ने जताई यह आशंका
Bihar Covid News Alert एम्स पटना के डाक्टरों ने चेताते हुए कहा है कि जरा सी लापरवाही तीसरी लहर में पड़ेगी भारी। 2 जून से यदि अनलाॅक हुआ तो उसके 15 दिन बाद पता चलेगा कि दूसरी लहर थमी कि नहीं। - अगस्त तक आ सकती है तीसरी लहर
पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले कम होते ही देश-प्रदेश में तीसरी लहर की आशंका व भयावहता की चर्चा तेज हो गई है। मुख्यत: बच्चों पर संक्रमण की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में तैयारियां भी शुरू करा दी हैं। वहीं, एम्स पटना के विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर कब तक आएगी यह अनलाॅक के 15 दिन बाद पता चलेगा।
यदि दूसरी लहर की भयावहता से सतर्क हुए लोग संक्रमण से बचाव के उपाय जैसे मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन और हाथों को धोने की आदत बना लेंगे तो तीसरी लहर को काफी हद तक रोका जा सकता है। वहीं, यदि लोग यह सोचकर कि वे पूर्व में संक्रमित हो चुके हैं, वैक्सीन लगवा ली है या किसी अन्य भ्रम में बचाव उपायों की अनदेखी करते हैं तो अगस्त तक तीसरी लहर आ सकती है।
नहीं संभले तो जारी रह सकती है दूसरी लहर :
एम्स के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि यदि अनलाॅक के बाद लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो दूसरी लहर जारी रहेगी। दूसरी के पूरी तरह खत्म होने के एक से दो माह बाद ही तीसरी लहर आएगी।
डा. संजीव के अनुसार पहली लहर की तुलना में दूसरी की संक्रमण दर करीब चार गुना अधिक थी। इसके आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि तीसरी लहर में आने वाला म्यूटेटेड वायरस कितना संक्रामक या जानलेवा होगा। वहीं, दूसरी ओर एक बड़ी आबादी के टीकाकरण और कोरोना संक्रमण से विकसित एंटीबाडी भी तीसरी लहर की भयावहता कम करने में सहायक होगी। हालांकि, वैक्सीन की दो डोज और 'संक्रमित हो चुके हैं', जैसी सोच रखने वाले खुद को सुरक्षित मानकर लापरवाह नहीं हों। दोनों ही स्थितियों में वे संक्रमित हो सकते हैं।
क्या होती है वायरसजनित संक्रमण की लहर :
वायरसजनित संक्रमण की स्थिति एक निश्चित अंतराल के बाद पुन: तेजी से सक्रिय होती है और कुछ दिनों बाद रफ्तार थम जाती है। इसी वृद्धि व कमी को लहर कहा जाता है। देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। वहीं, दिल्ली में कम अंतराल में ऐसे चार उतार-चढ़ाव हुए। इस कारण वहां चौथी लहर माना जा रहा है। हालांकि, लहर को राष्ट्रीय स्तर पर मामलों में वृद्धि से जोड़कर देखा जाता है।