Move to Jagran APP

102 पर कॉल करके ही बुला सकेंगे सरकारी या निजी एंबुलेंस, बिहार सरकार जल्‍द देगी यह सुविधा

बिहार में सरकारी व निजी एंबुलेंस का होगा एक टोल फ्री नंबर परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की तैयारी 102 टोल फ्री नंबर से सभी एंबुलेंस को जोड़ने की हो रही पहल।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 09:14 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 09:14 AM (IST)
102 पर कॉल करके ही बुला सकेंगे सरकारी या निजी एंबुलेंस, बिहार सरकार जल्‍द देगी यह सुविधा
102 पर कॉल कर बुला सकेंगे प्राइवेट व सरकारी एंबुलेंस। प्रतीकात्‍मक फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। जल्द ही राज्य के सरकारी व निजी दोनों ही एंबुलेंस (Government and Private Ambulance) का एक ही टोल फ्री नंबर होगा। एंबुलेंस के सरकारी काल सेंटर (102 Call Center 102) पर कॉल करने पर यह सुविधा मिल सकेगी। सड़क दुर्घटना (Road Accident) के बाद घायलों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराने की सोच से परिवहन विभाग ने यह सुझाव दिया है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। एक काल पर निजी व सरकारी एंबुलेंस को जोडऩे के पीछे मकसद इस सुविधा को सहज और आसान बनाना है। एक नंबर रहने से लोग आसानी से इसे याद रख सकेंगे और एंबुलेंस भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हो सकेगी। 

loksabha election banner

एक हजार एंबुलेंस को जोड़ने का लक्ष्य

टोल फ्री नंबर 102 पर सरकारी एंबुलेंस के साथ कम से कम एक हजार निजी एंबुलेंस को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसा होने पर कॉल करने के बाद लोगों को आसानी से एंबुलेंस की सेवा मिल सकेगी। विभाग की कोशिश यह भी है कि टोल फ्री नंबर से मिलने वाली एंबुलेंस सुविधा का किराया भी तय हो, ताकि किसी तरह की असुविधा न हो। 

स्वर्णिम काल (Golden Period) में इलाज से बचेगी जान

सड़क हादसे के बाद घायलों को अगर समय रहते इलाज मिल जाए तो उनकी जान बच सकती है, इसे स्वर्णिम काल (गोल्डेन पीरियड) कहा जाता है। परिवहन विभाग की समीक्षा में पाया गया कि बिहार में घायलों को स्वर्णिम काल में इलाज नहीं मिल पा रहा है। सड़क हादसों के बाद करीब 72 फीसदी लोगों की मौत हो जा रही। आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 10,007 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 7,205 लोगों की मौत हुई है। ऐसे में विभाग ने सुझाव दिया कि अगर समय पर घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो लोगों की जान बचाई जा सकती है। बता दें कि हादसे के बाद समय पर इलाज नहीं हो पाने की वजह से बड़ी संख्‍या में घायलों की जान चली जाती हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.