बिहार के पांच हजार से अधिक शिक्षकों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, सरकार ने दिया है बड़ा आदेश
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 (National Achievement Survey 2021) के दौरान प्रदेश के 5667 विद्यालयों में जो शिक्षक अनुपस्थित रहे हैं उनके वेतन से कटौती की जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने बच्चों के मूल्यांकन सर्वे में अनुपस्थित रहे शिक्षकों की रिपोर्ट जिलों से मांगी है।
पटना, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 (National Achievement Survey 2021) के दौरान प्रदेश के 5,667 विद्यालयों में जो शिक्षक अनुपस्थित रहे हैं, उनके वेतन से कटौती की जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने बच्चों के मूल्यांकन सर्वे में अनुपस्थित रहे शिक्षकों की रिपोर्ट जिलों से मांगी है। 12 नवंबर को केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर यह सर्वेक्षण कराया गया था। इसमें 5,727 विद्यालयों में शामिल किया गया था, अपरिहार्य कारणों से 60 विद्यालय को सर्वे में शामिल नहीं किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा तैयार कराई गई जिलेवार रिपोर्ट में सर्वे से जुड़े विद्यालयों के एक लाख 70 हजार 875 बच्चे शामिल हुए हैं, जिनकी मूल्यांकन रिपोर्ट अप्रैल में केंद्र सरकार की ओर से जारी की जाएगी।
सर्वेक्षण में सबसे ज्यादा पटना के बच्चे हुए शामिल
जानकारी के अनुसार सर्वेक्षण में अररिया में 4,965, अरवल में 3,357, औरंगाबाद में 4,526, बांका में 4,131, बेगूसराय में 4,923, भागलपुर में 4,722, भोजपुर में 4,974, बक्सर में 4,839, दरभंगा में 4,820, गया में 4,899, गोपालगंज में 4,896, जमुई में 3,893, जहानाबाद में 4,016, कैमुर में 4,115, कटिहार में 4,372 और खगड़िया से 4,252 बच्चे शामिल हुए। वहीं, किशनगंज में 4,446, लखीसराय में 3,782, मधेपुरा में 3,688, मधुबनी में 5,086, मुंगेर में 4,149, मुजफ्फरपुर में 4,306, नालंदा में 5,378, नवादा में 3,838, पश्चिम चंपारण में 4,378, पूर्णिया में 4,590, पटना में 6,123, पूर्वी चंपारण में 4,378, रोहतास में 4,973, सहरसा में 4,306, समस्तीपुर में 4,603, सारण में 4,838, शेखपुरा में 3,468, शिवहर में 3,209, सीतामढ़ी में 5061, सिवान में 4,770, सुपौल में 4,456 और वैशाली में 4,352 बच्चे शामिल हुए।
बता दें कि बिहार के 27 जिलों में कक्षा तीन, पांच, आठ और 10 के चयनित स्कूलों में शिक्षा विभाग एवं सीबीएसई की टीम ने सर्वे किया। NAS 2021 के लिए सभी चयनित स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य की गई थी। बावजूद शिक्षक गैरहाजिर रहे तो अब उनपर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।