जहां नहीं मिल रही जमीन, वहां एलिवेटेड सड़क एलायनमेंट का हिस्सा
प्रधानमंत्री जिन पुलों-सड़कों का कार्यारंभ करेंगे उनमें से अधिसंख्य परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण की बड़ी समस्या से मुक्त हैं। इसलिए उनके निर्माण की गति तीव्र रहने की उम्मीद है।
पटना, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 सितंबर को जिन पुलों-सड़कों के मेगा प्रोजेक्ट का कार्यारंभ करेंगे, उनमें से अधिसंख्य परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण की बड़ी समस्या से मुक्त हैं। इसलिए उनके निर्माण की गति तीव्र रहने की उम्मीद है। जिन जगहों पर एलायनमेंट के हिसाब से जगह नहीं मिल रही, वहां सड़क की डिजाइन ही बदल दी गई है। सड़क वहां एलिवेटेड हो गई है।
सड़क के मेगा प्रोजेक्ट में शामिल रजौली-बख्तियारपुर की फोर लेनिंग के बारे में एनएच के अधिकारियों का कहना है कि हमें 240 फीट जमीन मुख्य सड़क के लिए उपलब्ध है। नालंदा जिले में कई जगहों पर सड़क को एलिवेटेड किया गया है। बेन और बिहारशरीफ बस स्टैैंड के समीप सड़क एलिवेटेड है। ऐसा इसलिए किया गया है बाजार की भीड़ की वजह से वाहनों का परिचालन प्रभावित नहीं हो। वैसे इन जगहों पर जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही थी।
कन्हौली-रामनगर हिस्से पर भी होगा कार्यारंभ
पटना बोरिंग रोड के कन्हौली-रामनगर हिस्से का भी प्रधानमंत्री को कार्यारंभ करना है। इस सड़क के लिए जमीन के इंतजाम के संबंध में आधिकारिक तौर पर यह बताया गया कि एसएच-78 यानी बिहटा-सरमेरा सड़क का ही हिस्सा है पटना बोरिंग रोड का कन्हौली-रामनगर स्ट्रेच। जिस समय एसएच-78 के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा था उस समय तय था कि यह सड़क फोर लेन में बनेगी। बाद में इसे दो लेन में बनाया गया। जमीन फोर लेन सड़क के हिसाब से उपलब्ध है। साठ मीटर सड़क के लिए जमीन पहले से है। इसलिए इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण की समस्या नहीं है।
विवाद में फंस गया मामला
आरा-मोहनिया सड़क को फोर लेन में विकसित किए जाने का काम काफी पहले आरंभ हुआ था। भूमि का भी अधिग्रहण तब बिहार राज्य पथ विकास निगम ने किया था। बीच में निर्माण एजेंसी के साथ विवाद में मामला फंस गया था। इसलिए इस परियोजना के लिए भी भूमि की समस्या नहीं। पटना-गया-डोभी फोर लेन सड़क के लिए भी अब जमीन उपलब्ध है।
अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं...
विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाले फोर लेन पुल का भी प्रधानमंत्री को कार्यारंभ करना है। इस परियोजना के लिए गंगा के भीतरी हिस्से में कुछ हद तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। फुलौत ब्रिज के लिए भूमि का मुआवजा वितरित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।