महिला के साथ आरा के थाने में चार दिनों तक क्या हुआ ऐसा कि फांसी लगा खत्म कर ली जिंदगी
आरा यानी भोजपुर जिले की पीरो थाने की पुलिस ने एक महिला को चार दिनों पहले उसके घर से उठा लिया। उसे लगातार थाने में रखा गया। इस बीच महिला की अचानक मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि उसने खुदकुशी कर ली है।
आरा/पीरो, जागरण टीम। Ara Crime: भोजपुर जिले (Bhojpur Crime) के पीरो थाना पुलिस की कस्टडी में कथित रूप से फांसी लगाकर खुदकुशी करने वाली महिला को पुलिस ने आठ सितंबर की देर रात ही हिरासत में लिया था। पुलिस सूत्रों का दावा है कि इस दौरान चार दिनों तक उसे पीरो थाना परिसर स्थित एक महिला सिपाही के क्वार्टर में रखकर पूछताछ की जा रही थी। यह सब नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा था। नियमानुसार किसी भी संदिग्ध या आरोपित को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक अपने हिरासत में नहीं रख सकती है। हिरासत में लिए गए व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर न्यायालय में पेश किए जाने का प्रावधान है। लेकिन, यहां ऐसे मामलों में पुलिस मनमर्जी चलाती रही। अंतत: उसकी मौत हो गई। सवाल यह है कि पुलिस हिरासत में महिला के साथ ऐसा क्या हुआ, जिसके बाद उसने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया।
पांच अन्य लोग भी रखे गए थे हिरासत में
पीरो थाना अंतर्गत मोथी गांव निवासी ग्रामीण चिकित्सक मंतोष कुमार आर्य की हत्या के मामले में पीरो पुलिस ने महिला के अलावे उसके एक बेटे और हत्याकांड के नामजद अभियुक्त रजेयां गांव निवासी वीरेंद्र राम को भी आठ सितंबर से ही हिरासत में रखा गया था। मृतक मंतोष कुमार के तीन चचेरे भाइयों मंजय कुमार, अरविंद कुमार व नीरज कुमार को संदेह के आधार पर पुलिस ने नौ सितंबर को मोथी गांव स्थित उनके घर से पुलिस ने उठाया था। ये तीनों युवक भी चार दिन से पुलिस की हिरासत में थे ।
चार जवान बेटों की मां थी महिला
पीरो पुलिस की हिरासत में मरी महिला चार जवान बेटों और एक बेटी की मां थी। मृतका को चार पुत्र विकास कुमार, आकाश कुमार, प्रकाश कुमार, मंगल कुमार एवं एक पुत्री पुतुल कुमारी है। महिला के दो बेटे गुजरात के राजकोट में प्राइवेट जाब करते हैं। महिला की इकलौती बेटी की शादी हो चुकी है। पुलिस को शक था कि महिला ग्रामीण चिकित्सक मंतोष कुमार आर्य की हत्या में शामिल है।
डाक्टरों की चार सदस्यीय टीम ने किया पोस्टमार्टम
इधर, सदर अस्पताल के सिविल सर्जन सह प्रभारी अधीक्षक डा एलपी झा के निर्देश पर चार सदस्यीय डाक्टर की टीम गठित कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया। गठित चार सदस्य बोर्ड में आन ड्यूटी चिकित्सक डा. के. चौबे, डा. प्रमोद कुमार, डा. प्रभात प्रकाश एवं डा. राहुल कुमार शामिल थे। इस मामले को लेकर लोगों ने हंगामा किया और थानेदार को सस्पेंड करने की भी मांग की।
सोती रह गई ड्यूटी में तैनात तीन महिला सिपाही
बताया जा रहा है कि संदेह के आधार पर पीरो थाना लाई गई महिला शोभा देवी को महिला सिपाही के थाना परिसर स्थित एलएस क्वार्टर में रखा गया था। उसकी सुरक्षा के लिए तीन महिला सिपाहियों नैना, प्रियंका व खुशबू की ड्यूटी लगाई गई थी। रविवार की सुबह महिला सिपाही गहरी नींद में सो रही थीं, तभी मौका पाकर शोभा ने शौचालय स्थित खिड़की के ग्रील में सफेद गमछा बांधकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। महिला सिपाही की जब नींद खुली तो वह शौचालय का दृश्य देख उसके होश उड़ गए। उसने इसकी सूचना तत्काल थानाध्यक्ष व अन्य सहयोगी पुलिस कर्मियों को दी।