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नीतीश कुमार के डीएनए में क्‍या है, बिहार के इस नेता ने बताया, बोले-ऐसे होगा बिहार का कायाकल्‍प

पूर्व सांसद पप्‍पू यादव ने बिहार में भाजपा और जदयू के गठबंधन पर चर्चा करते हुए कहा कि फिलहाल राजद से जदयू का गठबंधन होता नहीं दिख रहा। साथ ही उन्‍होंने राजद के नेताओं को अहंकारी बताया। भाजपा पर भी खूब हमले किए।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 01:41 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 11:18 AM (IST)
नीतीश कुमार के डीएनए में क्‍या है, बिहार के इस नेता ने बताया, बोले-ऐसे होगा बिहार का कायाकल्‍प
सीएम नीतीश कुमार, पूर्व सांसद पप्‍पू यादव एवं कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी। फाइल फोटो

पटना, आनलाइन डेस्‍क। पूर्व सांसद पप्‍पू यादव ने कहा है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार और भाजपा का गठबंधन स्‍वाभाविक नहीं है। उनमें वैचारिक मेल नहीं है। भाजपा उन्‍हें बार-बार आंख दिखाती है। प्रधानमंत्री उन्‍हें स्‍कूल-कालेज का प्रोफेसर समझते हैं। संघीय व्‍यवस्‍था में पीएम और सीएम इक्‍वल हैं। कोई बड़ा या छोटा नहीं है। लेकिन इसे पहली बार दिखाया पंजाब के सीएम चन्‍नी ने। देश में चन्‍नी जैसे मुख्‍यमंत्री की आवश्‍यकता है। पप्‍पू यादव दिल्‍ली में मीडिया पोर्टल से बात करते हुए ये बोल रहे थे। इस दौरान उन्‍होंने भाजपा, राजद पर जमकर निशाना साधा। साथ ही यह भी कह दिया कि नीतीश कुमार यदि कांग्रेस के साथ आ जाते हैं तो बिहार का कायाकल्‍प हो जाएगा।  

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कांग्रेस के साथ आ जाएं तो बिहार का हो जाएगा कायाकल्‍प 

उन्‍होंने कहा कि नीतीश कुमार जी के जीन में समाजवाद है। उनकी राजनीतिक कार्यशैली कांग्रेस की राह पर है। कांग्रेस ने आरक्षण दिया तो नीतीश जी भी दे दिए। यदि कांग्रेस के साथ वे आते हैं तो बिहार का कायाकल्‍प हो जाएगा। पप्‍पू यादव ने कहा कि कांग्रेस में दो-तीन ऐसे लोग हैं जो लालू प्रसाद और राजद की अनुकंपा पर हैं। इन अहंकारियों के साथ रहकर कांग्रेस क्‍या हासिल करना चाहती है, पता नहीं। लेकिन कांग्रेस ही इस देश की स्‍वाभाविक विचारधारा की पार्टी है। विधान परिषद चुनाव में भी कांग्रेस को ठेंगा दिखा दिया गया। 

नीतीश कुमार जी के जीन में है समाजवाद 

पप्‍पू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार और बीजेपी का स्‍वाभाविक गठबंधन तो है नहीं। वैचारिक मेल तो है नहीं। नीतीश के जीन में सेक्‍यूलरिज्‍म है। नीतीश कुमार को भाजपा ने हमेशा हर्ट किया। बिहार में फिलहाल कुछ उलटफेर संभव नहीं दिखता। 2022 में विधानसभा चुनावों के बाद कुछ संभव है। ले‍किन एक बात तो तय है कि भाजपा 2024 और 25 का चुनाव नीतीश कुमार के साथ नहीं ल़ड़ने वाली। ले‍किन नीतीश कुमार जी मुख्‍यमंत्री ही बने रहना चाहते हैं। जातीय जनगणना पर चर्चा होती है लेकिन बिहार के रोजगार, गरीबी और महंगाई पर चर्चा क्‍यों नहीं होती। 

राजद के साथ जाने से क्‍या होगा   

नीतीश की जिस तरह से कार्यशैली है। उनसे छेड़छाड़ करेंगे यह संभव नहीं। राजद के साथ अपनी मर्जी से काम तो नहीं कर पाएंगे। उनसे ट्रांसफर-पोस्टिंग और माफियागिरी की उम्‍मीद बहुत अधिक नहीं कर सकते। हालांकि, उनके साथ जो कुनबा है इस कारण उनके इमेज पर सवाल खड़े हुए हैं। राजद या किसी का समझौता होगा तब न जब 2024 में पीएम कैंडिडेट बनाएगा। वरना एक बार फिर वे सीएम कैं‍ड‍िडेट बन जाएंगे। वैसे नीतीश जी दही में जोरन तो हैं। उनके बिना किसी तरफ कुछ नहीं होगा। राजद अहंकार में जीता है। लालू यादव का युग गया। वहां डेमोक्रेसी, स्‍वतंत्रता, विचार खत्‍म हो गया। वहां अहंकार है। आम आदमी का न तो अवाज बन सकता है और न ही स्‍वाभाविक राजनीति के पद पर जा सकता है। 

भाजपा ने की पंजाब को बदनाम करने की कोशिश 

प्रधानमंत्री का रास्‍ता रोकने के मुद्दे पर उन्‍होंने पीएम पद की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए। कहा कि जिस तरह से पंजाब को बदनाम करने की कोशिश की। क्‍या कभी पंजाब उन्‍हें माफ करेगा, सिख माफ करेंगे।  


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