Move to Jagran APP

West Bengal Election: पश्चिम बंगाल चुनाव में RJD-JDU का अनोखा कमाल, पहले बड़े दावे अब पैर रखने से परहेज

RJD-JDU in West Bengal Election कुछ माह पहले तक बड़ी-बड़ी बातें करने वाले बिहार के राजनीतिक दलों के कदम अभी बंगाल से अभी दूर हैं। चुनाव के पहले बड़ी-बड़ी बात दो चरण की वोटिंग हो गई पर नहीं दिखे बिहार के नेता जानिए ऐसा क्‍यों...

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 08:34 AM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 08:21 AM (IST)
West Bengal Election: पश्चिम बंगाल चुनाव में RJD-JDU का अनोखा कमाल, पहले बड़े दावे अब पैर रखने से परहेज
राजद नेता तेजस्‍वी यादव और बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, अरविंद शर्मा। बंगाल चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले बिहार में सक्रिय राजनीतिक दल बड़े-बड़े दावे कर रहे थे। कोई अपने दम पर विरोधियों को पस्त करने की बात कर रहा था तो कोई सहयोगी दलों के लिए तारे तोड़ लाने का दम भर रहा था। समान विचारधारा की ओट में सीटों की दावेदारी भी अच्छी-खासी की जा रही थी। मगर हालात है कि दो चरणों के मतदान के बाद भी अभी तक बंगाल में इनके कदम नहीं पड़े हैं। कुछ के जाने की तैयारी भी है तो उनके कार्यक्रम ही डायरी के पन्नों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसा क्‍यो है, इसका पता आपको खुद ही चल जाएगा, पूरी खबर पढ़ने के बाद।

loksabha election banner

लाख कोशिशों के बावजूद तेजस्‍वी को नहीं मिली एक भी सीट

बंगाल में चुनाव लड़ने के लिए बढ़-चढ़कर ऐलान करने वाले बिहार के राजनीतिक दलों में जदयू, राजद, भाकपा माले और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) प्रमुख हैं। जदयू ने बंगाल की 50 से ज्यादा सीटों पर लडऩे का संकेत कर रखा है। हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने भी 26 सीटों पर ताल ठोकने का दावा किया था। राजद को भी ममता बनर्जी के साथ संबंधों के आधार पर तृणमूल से छह सीटें मिलने की उम्मीद थीं। तेजस्वी यादव ने प्रयास भी किया था। अपने दो वरिष्ठ नेताओं को दो-दो बार कोलकाता भेजा। खुद भी गए और ममता बनर्जी से बात बनाने की कोशिश की। जब एक भी नहीं मिली तो बिना शर्त समर्थन कर दिया। भाकपा माले ने भी कांग्रेस एवं वामदलों के मोर्चा के साथ गठबंधन की पूरी कोशिश की। असफल होने के बाद उसने अपने दम पर 12 सीटों पर प्रत्याशी उतार रखा है। माले के नेता सक्रिय भी हैैं।

जीतनराम मांझी की पार्टी को प्रत्‍याशी ही नहीं मिले

जीतनराम मांझी की पार्टी को प्रत्याशी नहीं मिले। दावा दो सौ का था। प्रत्याशी उतारा है सिर्फ तीन सीटों पर। हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने दावा किया है कि मांझी के बंगाल जाने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। एक दो दिनों में रवाना हो सकते हैं।

जदयू ने प्रत्‍याशी तो दिए तो प्रचार करने को तैयार नहीं

जदयू का दावा भी हवा में ही दिख रहा है। पहले चरण में चार नामांकन हुए थे। तीन का पर्चा ही रद्द हो गया। एक प्रत्याशी बचा, जिसके प्रचार में जाने की किसी ने जरूरत नहीं समझी। आगे के चरणों के लिए अभी तय नहीं है कि कितनी सीटों पर प्रत्याशी उतारना है। दावेदार का इंतजार है। जैसे-जैसे आते जाएंगे। सिंबल पाते जाएंगे। प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों की तैयारी नहीं दिख रही है।

तेजस्वी भी पहुंचेंगे तीन चरण के बाद

भाजपा विरोधी दलों से ममता बनर्जी ने एकजुट होकर मुकाबले के लिए मदद मांगी थी। तेजस्वी के पास भी पत्र भेजा था। राजद ने तृणमूल को बिना शर्त समर्थन भी दे रखा है। फिर भी तेजस्वी का कोलकाता दौरा नहीं हो पाया है। कुछ दिन पहले सीटों में हिस्सेदारी मांगने जरूर गए थे। किंतु प्रचार के वक्त दिल्ली में हैं। राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने दावा किया कि छह अप्रैल को पूरी टीम के साथ तेजस्वी बंगाल पहुंच जाएंगे। चार दिन रहेंगे। ममता के पक्ष में प्रचार करेंगे। मगर सच यह भी है कि बंगाल में तबतक तीन चरण के मतदान हो चुके होंगे। चौथे चरण का प्रचार भी आखिरी दौर में बढ़ चुका होगा। इसके पीछे एक वजह यह है कि पश्चिम बंगाल में तेजस्‍वी को एक भी सीट देने पर बात नहीं बन सकी थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.