Move to Jagran APP

वेल्डर के IITian बेटे का कमाल, माइक्रोसॉफ्ट ने अॉफर की 1.2 करोड़ की जॉब

एक मामुली से वेल्डर चंद्रकांत सिंह के बेटे ने अपने पिता के साथ ही पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया है। खगड़िया जिले के सन्हौली जैसे छोटे से गांव के रहने वाले वात्सल्य को अमेरिका की सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने 1 करोड 20 लाख की जॉब का अॉफर दिया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2016 02:25 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2016 08:38 PM (IST)
वेल्डर के IITian बेटे का कमाल, माइक्रोसॉफ्ट ने अॉफर की 1.2 करोड़ की जॉब

खगड़िया। सन्हौली गांव के चंद्रकांत सिंह और रेणु देवी के पुत्र वात्सल्य चौहान ने बिहार का नाम रौशन किया है। वात्सल्य चौहान का चयन अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में एक करोड़ 20 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर हुआ है। आईआईटी खडग़पुर में अंतिम वर्ष के छात्र वात्सल्य चौहान को कॉलेज कैंपस के दौरान चयनित किया गया है।

loksabha election banner

काफी संघर्ष के बाद मिला मुकाम

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में बड़ा ओहदा हासिल करने वाले वात्सल्य के पिता वेल्डिंग का काम करते हैं। वे आज भी अपने व्यवसाय के प्रति समर्पित हैं। घर की माली हालत खराब होने के बावजूद वात्सल्य ने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई खगडिय़ा में पूरी की।

वे सीताराम मेमोरियल स्कूल, सन्हौली से साल 2009 में मैट्रिक की परीक्षा पास की और फिर बेगूसराय के एमआरजेडी कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। दोनों ही परीक्षा में करीब 75 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण हुए।

इसके बाद वे इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए कोटा चले गये और फिर साल 2012 में आईआईटी की परीक्षा में 382वां रैंक हासिल किया। आईआईटी खडग़पुर में कंप्यूटर साइंस के अंतिम वर्ष के छात्र वात्सल्य अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं।

वे कोटा के दुख भरे दिनों को भी याद करते हैं, जब पैसे की कमी से उनकी पढ़ाई बाधित हो रही थी लेकिन एलएन कोचिंग के विशाल जोशी द्वारा खर्च वहन करने के बाद आगे की राह तय कर पाए।

वात्सल्य की आगामी योजना होनहार वात्सल्य ने भारत की शिक्षा नीति में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया है। उनकी माने तो युवाओं को तकनीक तौर पर सक्षम बनाए जाने की जरुरत है। आने-वाले दो-तीन सालों में खगडिय़ा में एक बेहतर स्कूल खोलने की भी उनकी योजना है। इस स्कूल में गरीब बच्चों को निशुल्क पठन-पाठन की सुविधा मुहैया करायी जाएगी। यहां भी हुआ था सेलेक्शन
- भारतीय सांख्यिकी संस्थान।
- आईआईएसई में भी क्वालीफाई किया।
- रिसर्च की चाहत के कारण उन्होंने आईआईटी को चुना।

IITian के साथ मिलकर खोलेंगे स्कूल
कोचिंग ने जैसी मदद वात्सल्य की थी, उसी जज्बे के साथ अब वे भी गरीब छात्रों को पढ़ाते हैं। IIT में भी वे ऑटो चालकों को फ्री में पढ़ाते हैं। वे अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपने कस्बे में एक मॉडल स्कूल खोलने पर काम भी कर रहे हैं।

इसमें IIT छात्र चार महीने की छुट्टियों में जाकर पढ़ाएंगे। बाकी समय अन्य टीचर्स शिक्षा देंगे। वे बिहार में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से जोड़ना चाहते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.