Bihar Human Chain: मानव श्रृंखला पर जलपुरुष ने कही बड़ी बात, सीएम नीतीश को किया सम्मानित
मानव श्रृंखला के बाद जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा- भाग्यशाली है बिहार।
पटना, राज्य ब्यूरो। जलपुरुष के रूप में फेमस बिहार के राजेंद्र सिंह भी गांधी मैदान में आयोजित मानव श्रृंखला में शामिल हुए। मानव श्रृंखला के बाद उन्होंने गांधी मैदान में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तरुण भारत संघ की ओर से सम्मानित किया। गांधी विचार समागम के तहत मुख्यमंत्री को सम्मान मिला। राजेंद्र सिंह ने इस मौके पर कहा कि पर्यावरण पर केंद्रित बिहार की इस मानव श्रृंखला से न केवल बिहार, बल्कि देश और दुनिया में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी चेतना जागृत हुई है।
जलपुरुष ने कहा कि भाग्यशाली है देश और बिहार कि नीतीश कुमार जैसा व्यक्ति बिहार का मुख्यमंत्री हुआ। वह देश के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनायी। साझा भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए यह मानव श्रृंखला बनायी गयी है। गांधी जी कि विरासत को संजोने का यह अनूठा प्रयास है।
जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि बिहार में जल संकट और सूखे के समाधान को ले जल-जीवन-हरियाली अभियान शुरू किया गया है। दूरदृष्टि ही पर्यावरण से जुड़ी समस्या के समाधान का रास्ता है। उन्होंने इस मौके पर मुख्यमंत्री को पर्यावरण संरक्षण के प्रतीक के रूप में मुख्यमंत्री को जल से भरा एक कलश भी भेंट किया।
उधर, यूनाइटेड नेशंस इनवायरमेंट प्रोग्राम (यूएनइपी) के कंट्री हेड अतुल बगाई भी रविवार को राजधानी स्थित गांधी मैदान में आयोजित मानव श्रृंखला में शामिल हुए। बगाई ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित यह मानव श्रृंखला दूसरे राज्यों में भी जाए।
अतुल बगाई ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा पर केंद्रित इस मानव श्रृंखला में वह जो स्फूर्ति देख रहे हैं, उसे देख उन्हें अपने कॉलेज के दिन याद आ रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण को ले यह अद्भुत कार्यक्रम है। उन्होंने यह परामर्श भी दिया कि केवल मानव श्रृंखला के साथ ही यह कार्यक्रम खत्म नहीं हो जाए। इसे आगे ले जाने को भी वह तैयार हैं। यूएनइपी के कंट्री हेड ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हो रही है कि बिहार में केवल पर्यावरण विभाग ही नहीं, बल्कि सभी महकमे इस जल-जीवन-हरियाली अभियान में शामिल हैं। अन्य राज्यों में यह नहीं दिखता। बाकी प्रदेशों के लिए यह प्रेरणा का विषय है।