युवा मतदाताओं का मानना, प्रत्याशियों के पास मुद्दों का अभाव है बड़ी समस्या
लोकतंत्र के महापर्व में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए एएन कॉलेज के छात्र-छात्राएं काफी उत्सुक हैं।
By Edited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 08:36 AM (IST)
पटना, जेएनएन। लोकतंत्र के महापर्व में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए काफी उत्सुक हूं। पारंपरिक के साथ-साथ सोशल मीडिया पर चुनावी सरगर्मी चरम पर है। सुनेंगे सबकी, पर ईबीएम का बटन अपने पसंद से दबाएंगे। ऐसी बातें बुधवार को दैनिक जागरण के 'हर वोट कुछ कहता है' मतदाता जागरुकता अभियान के दौरान एएन कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कहीं। हिंदी स्नातक के विद्यार्थियों ने कहा कि पहली बार मतदान करने के लिए काफी उत्साहित हैं।
हालांकि, नेताओं की चुनावी चर्चा में मुद्दे के अभाव से खफा भी दिखे। छात्र-छात्राओं ने कहा कि दल और नेता कितने भी रंग बदल लें, युवा उनके असली रंग की पहचान कर ही लेंगे। रिजल्ट के दिन हवा-हवाई बात करने वालों को नींद नहीं आएगी। हिंदी विभाग में मतदाता जागरुकता अभियान के दौरान डॉ. संजय कुमार सिंह ने छात्रों को लोकतंत्र का महत्व समझाया।
उन्होंने कहा कि जिस देश में लोकतंत्र का अभाव है, वहां की स्थिति से अवगत हो लें। चीन तेजी से विकास किया है, लेकिन जनता को अधिकार देने में भारत से पीछे है। पाकिस्तान, सिरिया, लिबिया, इराक जैसे देशों में मजबूत लोकतंत्र के अभाव में ही विकास अवरुद्ध है। उन्होंने कहा कि कौन क्या कह रहा है, उसपर ध्यान देने के बजाए हमें क्या करना है पर ध्यान दें। डॉ. शैलेंद्र कुमार ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इसे सशक्त बनाने में सबसे बड़ा योगदान वर्तमान युवा पीढ़ी का है। युवा अपनी नई सोच से लोकतंत्र और देश की दशा-दिशा में गुणात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने छात्रों को अनिवार्य रूप से मतदान करने के लिए संकल्पित किया।
हालांकि, नेताओं की चुनावी चर्चा में मुद्दे के अभाव से खफा भी दिखे। छात्र-छात्राओं ने कहा कि दल और नेता कितने भी रंग बदल लें, युवा उनके असली रंग की पहचान कर ही लेंगे। रिजल्ट के दिन हवा-हवाई बात करने वालों को नींद नहीं आएगी। हिंदी विभाग में मतदाता जागरुकता अभियान के दौरान डॉ. संजय कुमार सिंह ने छात्रों को लोकतंत्र का महत्व समझाया।
उन्होंने कहा कि जिस देश में लोकतंत्र का अभाव है, वहां की स्थिति से अवगत हो लें। चीन तेजी से विकास किया है, लेकिन जनता को अधिकार देने में भारत से पीछे है। पाकिस्तान, सिरिया, लिबिया, इराक जैसे देशों में मजबूत लोकतंत्र के अभाव में ही विकास अवरुद्ध है। उन्होंने कहा कि कौन क्या कह रहा है, उसपर ध्यान देने के बजाए हमें क्या करना है पर ध्यान दें। डॉ. शैलेंद्र कुमार ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इसे सशक्त बनाने में सबसे बड़ा योगदान वर्तमान युवा पीढ़ी का है। युवा अपनी नई सोच से लोकतंत्र और देश की दशा-दिशा में गुणात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने छात्रों को अनिवार्य रूप से मतदान करने के लिए संकल्पित किया।
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